सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव को लेकर बड़ा एक्शन ले लिया हैं. सीबीआई ने लालू यादव को दुबारा जेल भेजने की पुरी तैयारी कर ली हैं. सीबीआई ने लालू यादव की जमानत का विरोध किया हैं जिसको लेकर आज सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला लेगे.

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सीबीआई ने लालू यादव की जमानत रद्द करने कोल लेकर याचिका दाखिल की हैं. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द कर दी जाए. सीबीआई का कहना है कि लालू यादव को अपने किए की पूरी सजा काटनी चाहिए. और अब ईलाज भी लालू यादव कर करवा चुके हैं स्वस्थ नजर आ रहे हैं तो दुबारा उनको जेल में डाला जाए.

और अगर सुप्रीम कोर्ट सीबीआई की मांग को मान लेता हैं तो लालू यादव को दुबारा जेल जाना पड़ेगा. लालू यादव की तरफ से सीबीआई की मांग का विरोध किया गया है. लालू यादव के परिवार के तरफ से पुरी कोशिश जारी है कि लालू यादव को दुबारा जेल जाने से बचाया जा सके. इसलिए सुप्रीम कोर्ट का रुख लालू यादव के वकील ने किया हैं. और सुप्रीम कोर्ट में क्य़ा अर्जी लगाई गई हैं. लालू यादव की ओर से जवाबी हलफनामे में बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया है.

अपने जवाब में लालू यादव ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र को दर्शाते हुए कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा. लालू प्रसाद यादव इन दिनों काफी सक्रिय हो गए हैं. राजनीतिक नेताओं-कार्यकर्ताओं से मिलना हो या विपक्षी दलों की बैठक में शिरकत करना हो, लालू की सक्रियता देखते ही बन रही है. बोल-वचन तो ऐसे निकल रहे, जैसे लालू पुराने दिनों में लौट गए हैं.

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पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक में जिस जोश के साथ उन्होंने कहा कि बीजेपी को हिट करने के लिए वे बिल्कुल फिट हैं, उससे लगता है कि किडनी ट्रांसप्लांट के बाद उनमें नई ऊर्जा का संचार होने लगा है. चारा घोटाला में जेल, बीमारी से परेशानी और लंबा वक्त बिहार से बाहर बिताने के बाद लालू पटना में अब डेरा जमाए हुए हैं. उनके साथ एक मिथक यह भी जुड़ गया है कि जब-जब उन्होंने बिहार में लंबा वक्त बिताया, कोई न कोई राजनीतिक गुल जरूर खिला.

साल 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान लालू जमानत पर पटना पहुंचे तो नीतीश कुमार को अपने महागठबंधन में शामिल करा लिया. नीतीश के आने से महागठबंधन इतना मजबूत हुआ कि बिहार में एनडीए की सत्ता पलट गई और महागठबंधन की सरकार बनी. यह अलग बात है कि महागठबंधन सरकार की मियाद लंबी नहीं रही. साल 2017 में नीतीश कुमार ने पलटी मारी और एनडीए के साथ सरकार बना ली.

सीबीआई ने तो सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जमानत रद्द कर दी जाए. सीबीआई का कहना है कि लालू यादव को अपने किए की पूरी सजा काटनी चाहिए. चारा घोटाले में दोषी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र को आधार बनाते हुए अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि उन्हें हिरासत में रखने से सीबीआई का कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा.