भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि संसद में अदानी समूह के बारे में सवाल पूछने के लिए महुआ मोइत्रा को रिश्वत के रूप में “नकद” और “उपहार” दिए गए, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद ने कहा कि वह किसी भी जांच का स्वागत करेंगी.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में, दुबे ने दावा किया कि उनके पास “अकाट्य सबूत” हैं कि मोइत्रा और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के बीच रिश्वत का आदान-प्रदान हुआ था और उन्होंने उन्हें संसद से तत्काल निलंबित करने की मांग की. हालाँकि, वह अब तक अपने आरोप के समर्थन में कोई सबूत नहीं दे पाए हैं, लेकिन उन्होंने दावा किया कि एक वकील जय अनंत देहाद्राई ने उनके साथ सबूत साझा किए थे.

पत्र में, दुबे ने यह भी लिखा कि कैसे वह और “संसद के कई अन्य सदस्य हमेशा इस बात से हैरान थे कि श्रीमती महुआ मोइत्रा के नेतृत्व वाली टीएमसी की यह ‘चिल्लाने वाली ब्रिगेड’ ऐसी रणनीति में क्यों शामिल है, जो अन्य सदस्यों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करती है.”

भाजपा सांसद ने कहा कि टीएमसी नेता स्पष्ट रूप से ‘विशेषाधिकार का उल्लंघन’ और ‘सदन की अवमानना’ कर रही हैं और उनके कार्यों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 120-ए के तहत आपराधिक दंड भी लगाया जाएगा. मामले के लिए एक जांच समिति गठित की जाएगी.