लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक पार्टियां चुनावी रंग में रंगी नजर आ रही है. सता पक्ष और विपक्ष कि तरफ से वार-पलटवार जारी है. जहां एक तरफ विपक्ष का महाजुटान देखने को मिल रहा है. वहीं एनडीए भी बड़ी बैठक करती नजर आ रही है. पार्टी के बड़े-बड़े नेता मिशन 2024 में जुटे हुए है. इस दौरान अपने-अपने कुनबे को बढ़ाने की कोशिश भी हो रही है.

sanjay raut samna

आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले छोटे-छोटे दलों को साधने की कोशिश में जुटी बीजेपी को लगातार सफलता मिल रही है. ओम प्रकाश राजभर की नेतृत्व वाली सुभासपा अब एनडीए में शामिल हो गई है. सुभासपा और बीजेपी के बीच गठबंधन होने पर शिवसेना ने मुखपत्र सामना के जरिए तीखी प्रतिक्रिया दी है. सामना में इस गठबंधन पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, “बदमाशों का आखिरी अड्डा“. अपने मुखपत्र के जरिए बीजेपी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा, “बीजेपी जितनी मेहनत कर रही है उसका वर्णन करने के लिए शब्द अपर्याप्त हो जाएंगे. महाराष्ट्र के बाद बीजेपी ने यूपी में भी कीचड़ फैला दिया है. योगी आदित्यनाथ जैसे लोकप्रिय, भगवा वस्त्रधारी नेता के वहां मुख्यमंत्री रहते हुए बीजेपी को उस रामभूमि में भी कीचड़ फैलानी पड़ रही है.

सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर ने बीजेपी से निकाह कर लिया है.” शिवसेना ने मुखपत्र में आगे कहा, “बीजेपी ने अपनी वॉशिंग मशीन में उन्हें डाला और धोकर साफ कर दिया. और अब उनके पाप धुल गए हैं. राजभर की पार्टी को एनडीए का घटक बनाने के बाद से इस पार्टी के कुख्यात विधायक अब्बास अंसारी को भी बीजेपी ने ‘पवित्र’ कर लिया है. अब्बास अंसारी मतलब अनेक हत्या, अपहरण, रंगदारी आदि कई मामलों में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद मुख्तार अंसारी के पुत्र हैं“.  आगे मुखपत्र में लिखा की, “प्रयागराज से माफिया अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी को मिट्टी में मिलाने का प्रण सीएम योगी ने लिया था.

अतीक अहमद की हत्या कर दी गई, जबकि अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. उनके विधायक बेटे अब्बास अंसारी पर ईडी, सीबीआई और पुलिस की कार्रवाई शुरू है. लेकिन अब ओमप्रकाश बीजेपी के चरणों में लीन हो गए हैं. तो देखना होगा कि अंसारी को वैसी और कितनी सहूलियतें मिलती हैं.