यूपी एटीएस ने सचिन मीणा को दोबारा से हिरासत में लिया. एटीएस लगातार सचिन मीणा से पूछताछ कर रही है. इससे पहले सचिन के दोनों भाइयों को भी बुलंदशहर से हिरासत में लिया गया था. पुष्पेंद्र मीणा और पवन मीणा दोनों सचिन के भाई हैं. दोनों बुदंलशहर के अहमदगढ़ में जन सेवा केंद्र चलाते हैं. पुष्पेंद्र और पवन पर सीमा हैदर और सचिन मीणा के आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों में छेड़छाड़ का आरोप है.
बुलंदशहर जिले के अहमदगढ़ थाना क्षेत्र से एटीएस की टीम पुष्पेंद्र और पवन को अपने साथ ले गई, सचिन से पूछताछ में ही पुष्पेंद्र और पवन का नाम सामने आया था. पुष्पेंद्र और पवन सचिन की बुआ के बेटे हैं.
सीमा हैदर ने जासूसी की बात से इनकार किया था और कहा था कि वो सचिन मीणा से प्यार करती है और बस अपने प्यार को पाने के लिए पाकिस्तान से भारत आई है. सीमा हैदर की तरफ से बार बार यही दावा किया जा रहा है कि सचिन के प्यार में सारी सीमाएं लांघ कर पाकिस्तान से भारत आई है.
नोएडा पुलिस ने सीमा हैदर से मिले सभी दस्तावेजों को दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग भेजा गया है ताकि इसकी पुष्टि हो जाए कि वो वहां की रहने वाली है या नहीं. सीमा हैदर का दावा है कि पाकिस्तान से दुबई और नेपाल होते हुए भारत आई थी. उसका कहना है कि पाकिस्तान से सीधे भारत आने का वीजा नहीं मिला था, इसलिए उसने यह रास्ता अपना लिया था.
पाकिस्तानी महिला सीमा हैदर से एटीएस की पूछताछ में तो कुछ निकला नहीं है, लेकिन अब जांच एजेंसी इस मामले का सच पता लगाने के लिए पॉलीग्राफी टेस्ट का सहारा लेगी.
क्या है पॉलीग्राफ़ टेस्ट ?
पॉलीग्राफ टेस्ट का मतलब मल्टीपल ऑब्जर्वेशन है जो एक चीज से रिलेटेड है. बॉडी में फिजियोलॉजिकल चेंजेज होते हैं. उसका मेजरमेंट करने की मशीन और अलग-अलग तरीके के सेंसर इसमें शामिल होते हैं. इसमें जो एक वेरिएशन आता है उससे पता लगता है. अगर कोई आपसे नॉर्मल सवाल पूछ रहा है तो उसमें आपका पल्स रेट कितना आ रहा है और अगर आपसे केस से रिलेटेड कुछ पूछा है तो उसमें कैसा आ रहा है. जो मन में डर पैदा होता है उसके चलते इन वेरिएशंस में काफी बदलाव होता है.
कब हुई पॉलीग्राफी की शुरआत?
पॉलीग्राफ टेस्ट की शुरुआत 1921 में हुई थी. यूएस में सबसे पहले स्टार्ट हुआ था तब से ये चलता आ रहा है. पुलिस ऑफिसर प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसीज इसका इस्तेमाल करते आ रहे हैं. पॉलीग्राफ टेस्ट एक डिवाइस है. इसके अलग-अलग सेंसर है चेस्ट का कार्डियक का अलग है. ब्लड प्रेशर अलग है. बॉडी में जो इलेक्ट्रिक मूवमेंट है. उसका मेजरमेंट अलग है. अलग बॉडी के लिए अलग-अलग पार्ट पर यह टेस्ट किए जाते हैं. किसी से नॉर्मल सवाल किया जाए, तो एक नॉर्मल पल्स रेट होता है, लेकिन अगर केस से रिलेटेड कोई सवाल किया जाता है तो उसमें पॉलस्ट्रेट अलग हो जाता है.