जिस लाल डायरी को लेकर राजेंद्र गुढ़ा को हाल में विधानसभा से बाहर कर दिया गया था. राजस्थान में सियासी भूचाल ला देने वाली लाल डायरी के तीन पन्नों को रीलीज किया है.
गुढ़ा ने दावा किया इस डायरी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी सौभाग सिंह, पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव भवानी सामोता सहित अन्य लोगों के बीच राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन यानी आरसीए के चुनाव में लेनदेन की बातचीत का जिक्र है. ये जान लीजिए कि सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत ही अभी आरसीए के अध्यक्ष हैं.
बर्खास्त मंत्री ने दावा किया कि इस डायरी में मुख्यमंत्री के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ की ही हैंडराइटिंग है. गढ़ा का कहना है कि सरकार उनको कभी भी जेल में डाल सकती है. पुलिस की ओर से उनपर हर दिन कई नया मुकदमा लगाया जा रहा है.
लेकिन गुढ़ा ने साफ कहा है कि वो डायरी के पन्नों पर लगातार खुलासे करते रहेंगे. अगर वो जेल भी गए तो उनका विश्वस्त व्यक्ति इन पन्नों को पढ़कर गहलोत सरकार को लेकर खुलासे करते रहेंगे.
गहलोत को दूसरा झटका आपराधिक मानहानि मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट से लगा है. जिसमें शेखावत मानहानि मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट के समन को रद्द करने से इनकार कर दिया और 7 अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश होने की अनुमति दी है.
फरवरी 2023 को सीएम गहलोत ने ट्वीट कर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को संजीवनी घोटाले का आरोपी बताया था. इसी मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री ने सीएम गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर किया था. ये मामला संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के हजारों निवेशकों को कथित रूप से 900 करोड़ रुपये का चूना लगाने से जुड़ा हुआ है.