प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को त्वीट कर के बताया की विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर उन भारतवासियों का शत-शत नमन है और उनको जिन्हेंको श्रद्धापूर्वक याद करने का अवसर है, जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया.

यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जींगे विस्थापना का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा.

pm modi kargil

सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा की धर्म के आधार पर देश के विभाजन का इतिहास एक कला अध्याय है. उन्होंने यह भी कहा की देश को इसकी भरी कीमत चुकानी पड़ी है और विभाजन के समय जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी.

जे पी नड्डा, जो की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, उन्होंने कहा की, 1947 का वह कला दिन हमारे देश को 2 टुकड़ों में बांट गया. विस्थापना का दंश झेलने को देशवासी विवश थे, हिंसा का तांडव चरम पर था. नड्डा ने श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें नमन किया.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा की अमानवीय अध्याय है देश का विभाजन. उन्होंने कहा, ‘‘आज इस ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर उन सभी लोगों का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्हें देश के विभाजन के समय अपनी ज़िंदगी गंवानी पड़ी”.

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प्रधानमंत्री ने 2 साल पहले किय था एलान

2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाया जायेगा हर साल 14 अगस्त के दिन. उन्होंने कहा था की देश के विभाजन का दर्द कभी भुलाया नहीं जा सकता. हमारे लाखों भाइयों और बहनों को विस्थापित होना पड़ा और जान गंवानी पड़ी नफरती हिंसा की वजह से.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा की विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में मानाने का निर्णय लिया गया है.

क्यूँ मनाया जाता है यह दिवस

1947 में देश को दो टुकड़ों में बाटें जाने का जख्म, आज़ादी के साथ झेलना पड़ा था. पाकिस्तान भारत से कट कर एक दूसरा देश बना और 1971 में पूर्वी पाकिस्तान के हिस्से को बांग्लादेश के तौर पर एक नए देश की शक्ल दी गयी.

इस भौगोलिक बंटवारे ने देश की जनता को बांट कर रख दिया और अभी तक लोग बंटवारे के दर्द से बहार नहीं आये हैं.