भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कुछ दिनों में चीन और कांग्रेस के बारे में पूरी धारणा बदल दी है. चीनी राष्ट्रपति जी-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत नहीं आ रहे हैं लेकिन शक्तिशाली देश विभिन्न मुद्दों पर भारत का समर्थन कर रहे हैं.

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कांग्रेस अपनी सरकार के समय भले ही दिखने के लिए चीन को अपना दुश्मन बोले पर धीरे धीरे उनके बीच पकी हुई खिचड़ी सामने आरही है. चाहे कांग्रेस पार्टी या कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ चाइना के MOU की बात हो या राजीव गांधी फाउंडेशन जिसको चीन ने पैसे दिए या कांग्रेस पार्टी के दोक्लाम पर चुप्पी की बात हो. अमेरिका के NSA ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि चीन दिल्ली आ कर काम बिगाड़ सकता है.

जिस तरह से एक पार्टी द्वारा चीन को शासित किया जाता है, उसी तरह चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार (4 सितंबर) को अपनी वेबसाइट पर आखिरी मिनट में एक-वाक्य की अधिसूचना जारी की, जिसमें घोषणा की गई कि “प्रधानमंत्री ली कियांग 9-10 सितंबर को चीन का प्रतिनिधित्व करेंगे”. जब यह पूछा गया कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग शिखर सम्मेलन में भाग क्यों नहीं लेंगे, तो मंत्रालय की अनुभवी प्रवक्ता माओ निंग ने जवाब देने से इनकार कर दिया.