बीजेपी लोकसभा चुनाव में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती इसलिए इस बार लोकसभा सीटवार न सिर्फ अपनी पार्टी के जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश के लिए कई लेवल पर फीडबैक ले रही है और सर्वे करा रही है.

modi in sikar

25 साल पहले जब से NDA गठबंधन बना है तबसे ही बीजेपी ने उम्मीदवारों के चयन के मामले में अपने साथियों को पूरी छूट दे रखी थी. अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल से लेकर नरेंद्र मोदी के दौर में भी 2014 और 2019 में NDA के घटक दलों ने सीट को लेकर ही बीजेपी के साथ विचार विमर्श किया और एक बार सीट मिल जाने के बाद उन्होंने अपनी मर्जी से अपने उम्मीदवारों का चयन किया था.

बीजेपी का देश की सभी 543 सीटों पर सर्वे और फीडबैक का काम निरंतर चल रहा है. ऐसे में सहयोगी दल लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए जिन सीटों की मांग करेंगे, उन पर सहयोगी दलों से उम्मीदवार के नाम के साथ उसके जीतने का आधार और संभावना भी पूछे जाएंगे.

हालांकि मिली जानकारी के मुताबिक ऐसा जरूरी नहीं कि पार्टी अपने सभी 38 सहयोगी दलों को लोकसभा चुनाव में लड़ने के लिए सीट दे. बीजेपी सिर्फ राज्यों में प्रभाव रखने वाले और जीत के समीकरण में फिट बैठने वाले सहयोगियों को ही सीट देगी और बाकी सहयोगियों को राज्यों के चुनाव में सीट का वादा देकर संतुष्ट करेगी.

200 लोगों को फोन करने का टास्क

200 लोगों से संपर्क करने जो मुकम्मल योजना बनाई गई है उसके मुताबिक, रोजाना हर कार्यकर्ता को 20 लोगों से फोन पर राज्य की राजनीति, उनके व्यक्तिगत सुख-दुख जैसे मुद्दों पर विस्तृत बातचीत करनी होगी. इन सभी लोगों को पार्टी नेता और कार्यकर्ता केंद्र सरकार और बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों के कामकाज के बारे में पूरी जानकारी भी देंगे.

modi shah nadda

इतना ही नहीं इन 20 लोगों में से चुनिंदा 2 लोगों से बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता घर जाकर व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात करेंगे. इस दौरान उन दो लोगों के पड़ोसियों को भी बुलाकर उनसे चर्चा करने की कवायद की जाएगी. जिस लोगों से बात करनी है उनका फोन नंबर पार्टी के सेंट्रल डाटा कमांड सेंटर से उन्हें मुहैया कराया जाएगा.

कार्यकर्ता फीडबैक लेकर शीर्ष नेतृत्व को करेंगे आगाह

वहीं 2 लोगों और उनके पड़ोसियों से जो फीडबैक मिलेगा उसे बीजेपी कार्यकर्ता सरल ऐप पर अपनी रिपोर्ट के जरिए शीर्ष नेतृत्व को आगाह करेगा. इसका मकसद जमीनी स्तर पर चल रही योजनाओं की सच्चाई का पता लगाना है.

यानी पब्लिक के बीच सरकारी योजनाओं का फीडबैक क्या है, इसकी जमीनी स्थिति क्या है इससे भी केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया जाएगा. इतना ही नहीं बीजेपी ने पार्टी की ब्रांडिंग को चुनावी राज्यों में मजबूत कर लोगों के दिलों दिमाग पर छाप छोड़ने की भी तैयारी की है. पार्टी ने अपनी ब्रांडिंग को और मजबूत करने का निर्णय लिया है. इसके तहत पार्टी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना में जमीनी कार्यकर्ता के फोर व्हीलर यानी कार या जीप और टू व्हीलर पर कमल निशान बनवाएगी.