यूपी में हमने लंबा दौर, ऐसी सरकारों का देखा जिन्होंने कनेक्टिविटी की चिंता किए बिना ही औद्योगीकरण के सपने दिखाए. परिणाम ये हुआ कि ज़रूरी सुविधाओं के अभाव में यहां लगे अनेक कारखानों में ताले लग गए. ये भी दुर्भाग्य रहा कि दिल्ली और लखनऊ, दोनों ही जगह परिवारवादियों का ही दबदबा रहा.पिछले मुख्यमंत्रियों के लिए विकास वहीं तक सीमित था जहां उनका घर था, लेकिन आज जितना पश्चिम का सम्मान है, उतनी ही पूर्वांचल के लिए भी प्राथमिकता है। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आज यूपी की इस खाई को पाट रहा है, यूपी को आपस में जोड़ रहा है.देखें ये विडियो-