विपक्षी गठबंधन की पार्टियों की तरफ से सनातन धर्म पर की गई विवादित टिप्पणियों की वजह से विपक्षी गठबंधन इंडिया को अभी से खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. सनातन विरोधी बयानों के कारण बैकफुट पर आए I.N.D.I.A. गठबंधन ने आगामी दिनों में होने वाली भोपाल रैली को रद्द कर दिया है. जिसकी वजह से विपक्षी गठबंधन पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं कि आखिर गठबंधन में चल क्या रहा है.
दरअसल, मीटिंग कैंसिल होने का ऐलान मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया है. इससे पहले I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक से ये बात सामने आई थी कि चुनावी राज्य मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भाजपा सरकार के खिलाफ रैली का आयोजन किया जाएगा जिसमें विपक्षी के कई बड़े नेता शामिल होंगे. ये रैली अक्टूबर के पहले सप्ताह में आयोजित की जानी थी, जिसकी तैयारियाँ चालू हो गई थीं लेकिन अब कमलनाथ ने इसके निरस्त होने की घोषणा की है.
कमलनाथ ने कहा है कि रैली कैंसल हो गई है. इस रैली के निरस्त होने के पीछे सबसे बड़ा कारण I.N.D.I.A गठबंधन के घटक दलों डीएमके और राजद के नेताओं की तरफ से सनातन पर दिए गए बयान माने जा रहे हैं. ऐसा नजर आ रहा है कि कमलनाथ ने सनातन को डेंगू-मलेरिया जैसा बताने वाले बयानों से होने वाले नुकसान को भी भाँप लिया है, इसलिए वो अब इन बयानों से किनारा भी कर रहे हैं.
लोकसभा चुनावों से पहले देश के तीन बड़े राज्यों– मध्य प्रदेश राजस्थान और छतीसगढ़ में चुनाव होने वाले हैं जो कि I.N.D.I.A गठबंधन के लिए पहला टेस्ट होंगे. इसको ध्यान में रखते हुए ही पहली रैली के लिए भोपाल को चुना गया था लेकिन इस बीच सनातन पर बयानबाजी के कारण विपक्षी दलों को इस नीति में बदलाव करना पड़ गया है.
वहीं इस रैली के रद्द होने पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इन्होंने जो सनातन धर्म का अपमान किया है, उससे देश व मध्य प्रदेश की जनता के मन में रोष है, इनको डर था कि वह रोष कहीं प्रकट न हो जाए, इसलिए गठबंधन की एमपी में रैली ही निरस्त कर दी.
भोपाल में रद्द होने के बाद अब इस रैली के नागपुर में आयोजन की संभावनाएँ हैं. हालाँकि, इस मामले में कुछ भी स्पष्ट नहीं है. कॉन्ग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि अब अगली रैली के लिए कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे के साथ बैठक करके निर्णय लिया जाएगा. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को डेंगू-मलेरिया के मच्छर की तरह खत्म करने की अपील की थी.
एनसीपी (शरद पवार गुट) नेता जितेंद्र आव्हाड ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सनातन धर्म खत्म होना ही चाहिए. ये तो बाबा साहब आंबेडकर की माँग थी. इसलिए ही तो उन्होंने मनुस्मृति जलाई. इतने दिन कहाँ था सनातन धर्म. हमारे प्रधानमंत्रियों के पिछले कई सालों के भाषण निकालिए, वो तो हिंदू धर्म की ही बात करते थे. अचानक से सनातन धर्म का कहाँ से जन्म हो गया? सनातन धर्म के लोग सिर्फ और सिर्फ धर्म की ही राजनीति करते हैं.