विपक्षी दलों के महागठबंधन I.N.D.I.A. की मुंबई में हुई तीसरी बैठक में वही हुआ जो पिछली बैठकों में हुआ यानि सिर्फ फोटो सेशन. 28 दलों के नेताओं के साथ मंच पर मौजूद नीतीश कुमार की मुराद पूरी नहीं हुआ.
इस मीटिंग में 13 नेताओं की कोर्डिनेशन कमेटी जरूर बनाई गई. इस कमेटी में शरद पवार, तेजस्वी यादव, के सी वेणुगोपाल, टी आर बालू, संजय राउत, अभिषेक बनर्जी, राघव चड्ढा, हेमंत सोरेन, जावेद अली खान, ललन सिंह, डी राजा, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती शामिल किए गए.
मीटिंग में वन नेशन, वन इलेक्शन के विरोध की रणनीति पर भी चर्चा हुई, मगर नेताओं ने मीडिया से बातचीत में इसका जिक्र नहीं किया. इंडिया की तीसरी मीटिंग में तीन संकल्पों पर सहमति बनी. इंडिया के सभी दल लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ेंगे.
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर रार हो गई और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी वहां से निकल गईं. रिपोर्ट्स के मुताबिक विपक्षी गठबंधन की बैठक में चुनावी प्रस्ताव पारित किया गया, लेकिन जातिगत जनगणना की मांग को शामिल करने पर मतभेद के कारण राजनीतिक प्रस्ताव को छोड़ना पड़ा.
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और समाजवादी पार्टी (सपा) ने जातिगत जनगणना की मांग का समर्थन किया, जबकि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी विरोध में उतर आईं. बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने प्रदेश में जातीय जनगणना शुरू करवाई जिसे पटना हाई कोर्ट में चुनौती दी गई.
पिछले महीने पटना हाई कोर्ट ने भी जातीय जनगणना को हरी झंडी दे दी. हाई कोर्ट का ये आदेश तब आया है जब तीन महीने पहले ही उसने सर्वेक्षण पर रोक लगा दी थी. नीतीश ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि बिहार में सभी राजनीतिक दलों ने सर्वेक्षण कराने का सर्वसम्मति से फैसला लिया था जिसमें बीजेपी भी शामिल है.
शरद पवार ने पहले ही कहा था कि बैठक में 28 दलों के 63 प्रतिनिधि भाग लेंगे. एक फ्रेम में नेता समा नहीं रहे थे. लेकिन, शाम होते-होते यही तस्वीर बदल गई. इस पर लालू प्रसाद यादव ने चुटकी भी ले ली. मंच से बोलते हुए लालू ने कहा कि हमारे बीच में ममता दीदी भी हैं. फिर उन्हें पता चला कि वो तो निकल चुकी हैं. इसके बाद लालू ने अपनी स्पीच आगे बढ़ाई.