देश के अलग अलग हिस्सों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी लगातार छापेमारी कर रही है इसी क्रम में अब भारत के दक्षिण क्षेत्र में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया ISIS के ट्रेनिंग सेंटरों का पर्दाफाश राष्ट्रीय जाँच एजेंसी NIA कर रही है. इसके तहत एनआईए ने 16 सितंबर को तमिलनाडु और तेलंगाना में लगभग 30 संदिग्ध आईएसआईएस सेंटर्स पर छापेमारी शुरू की.

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ISIS कट्टरपंथ और भर्ती मामले में एनआईए ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में 21, चेन्नई में 3, तेनकासी में 1, तेलंगाना में हैदराबाद/साइबराबाद में 5 जगहों पर छापेमारी की. बीते साल कोयंबटूर में कार बम धमाका हुआ था. इस मामले में ISIS मॉड्यूल के ताजा सबूत मिलने के बाद इससे जुड़े लोगों की अचल संपत्तियों पर NIA ये छापेमारी कर रही है. इसका संबंध कोयंबटूर के संदिग्धों से हो सकता है.

तमिलनाडु के कोयंबटूर में, NIA की तलाशी कोवई अरबी कॉलेज के आसपास केंद्रित रही. कॉलेज में पढ़ाई करने वालों और इससे जुड़े लोगों के घर एनआईए की जाँच के दायरे में आ गए हैं. कोयंबटूर निगम डीएमके पार्षद के पति से भी पूछताछ की गई. हालाँकि, NIA के अधिकारी पूछताछ के बाद कुछ ही घंटों में पार्षद के घर से चले गए. NIA ने इस छापेमारी में भारतीय और विदेशी मुद्रा के नोटों सहित कई डिजिटल उपकरण और दस्तावेज जब्त किए.

NIA से मिली जानकारी के मुताबिक तलाशी के दौरान भारतीय मुद्रा में 60 लाख रुपए और 18,200 अमेरिकी डॉलर के अलावा स्थानीय और अरबी भाषाओं में कई आपत्तिजनक किताबें भी जब्त की गईं.

अरबी भाषा के बहाने कट्टरपंथ की पढ़ाई

NIA के अधिकारीयों ने कहा है कि उनके क्षेत्रीय अध्ययन केंद्रों में अरबी भाषा की कक्षाएँ आयोजित करने की आड़ में कट्टरपंथी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था. इस तरह की कट्टरपंथी गतिविधियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और व्हाट्सएप्प और टेलीग्राम जैसे मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए से ऑनलाइन प्रसारित किया जा रहा था. एनआईए की जाँच से पता चला है कि आईएसआईएस से प्रभावित होकर एजेंट खिलाफत विचारधारा का प्रचार कर रहे थे. ये विचारधारा भारत के धर्मनिरपेक्षता और लोकतंत्र के संवैधानिक रूप से स्थापित सिद्धांतों के लिए हानिकारक है.

एनआईए ने 27 अक्टूबर 2022 को मामला अपने हाथ में लिया और फिर से मामला दर्ज किया. बीते साल ये धमाका कोयंबटूर के उक्कदम में ईश्वरन कोविल स्ट्रीट पर एक प्राचीन मंदिर अरुल्मिगु कोट्टई संगमेश्वर थिरुकोविल के सामने 23 अक्टूबर को हुआ था. कार में मौजूद इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस को मृतक आरोपी जेम्सा मुबीन चला रहा था. मुबीन और उसके सहयोगी ने स्वयंभू खलीफा अबू-अल-हसन अल-हाशिमी अल-कुरैशी के लिए ‘बायथ’ या शपथ ली थी.

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बिहार से लेकर यूपी तक छापेमारी

भारत के अलग अलग राज्यों में लगातार एनआईए छापेमारी कर रही है. अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ शहर कोतवाली क्षेत्र के बदरका पुलिस चौकी के पास फ्रेंड्स कॉलोनी में एनआईए की टीम पुलिस के साथ पहुंची थी.

NIA के 5 सदस्यीय टीम ने एक संदिग्ध व्यक्ति के पाकिस्तानी कनेक्शन की आशंका में डाला रेड. बताया गया कि फरेंदा कस्बे के विकास नगर निवासी डॉक्टर फजले हक के बेटी की शादी बिहार निवासी तलहा खान के साथ हुई है. तलहा खान कुछ दिन पहले अलीगढ़ में एक आईटी कंपनी में काम करता था और वो एक रूममेट के साथ कमरा लेकर रहता था.

कुछ दिनों पहले सुरक्षा एजेंसियों ने इस कमरे में छापेमारी कर तलहा खान के रूममेट को पाकिस्तानी कनेक्शन होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. बताया जाता है कि तलहा खान कुछ दिनों से फरेंदा में अपने ससुराल में रहता था. एनआईए की टीम उसकी तलाश में फरेंदा पहुंची थी. लेकिन वो मौके पर मौजूद नहीं मिला.

एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार राज्यों के कन्नूर, मलप्पुरम, दक्षिण कन्नड़, नासिक, कोल्हापुर, मुर्शिदाबाद और कटिहार जिलों में कुल 14 स्थानों पर छापेमारी की गई. अधिकारी ने कहा कि छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक डिजिटल उपकरणों के साथ-साथ दस्तावेज भी जब्त किए गए. छापेमारी का उद्देश्य भारत की शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की प्रतिबंधित संगठन की साजिश का पर्दाफाश करना था.

एनआईए आतंक, हिंसा और तोड़फोड़ के कृत्यों के माध्यम से साल 2047 तक भारत में इस्लामिक खलीफा स्थापित करने के लिए एक सशस्त्र कैडर बनाने और एक पीएफआई सेना बनाने के पीएफआई और उसके शीर्ष नेतृत्व के प्रयासों को उजागर करने और विफल करने के लिए काम कर रहा है.