मुंबई में लगातार एक के बाद एक मीटंग का दौर जारी हैं. कभी शरद पवार अजित पवार से मुलाकात करते हैं तो कभी नाना पटोले उद्धव ठाकरे से मिलकर प्लान B पर चर्चा करते हैं. बंद कमरो में जारी मीटिंग्स को लेकर मीडिया के सामने तो ये दिखाने की कोशिश की जाती हैं कि सबकुछ ठीक हैं.
महा विकास महाविकास आघाड़ी (MVA) में तकरार हैं. कांग्रेस पार्टी अपने अलग रास्ते पर हैं और शरद पवार कभी भी पाला बदल सकते हैं. विपक्षी गठबंधन को महारास्ट्र की राजनीति पर बोलने की मनाही है. MVA में सबसे ज्यादा नुक्सान उद्धव ठाकरे को हुआ है. इनका आधा गुट निकल के शिवसेना से अलग हो गया.
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि वे राकांपा प्रमुख शरद पवार और राज्य के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बीच “गुप्त रूप से” होने वाली बैठकों को मंजूरी नहीं देते हैं और यह उनकी पार्टी के लिए चिंता का विषय है.
शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राकांपा के महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का हिस्सा हैं, जबकि उनके भतीजे अजीत पवार ने पिछले महीने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के लिए राकांपा को तोड़ दिया था.
शरद पवार और अजित पवार की सीक्रेट मीटिंग के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में खलबली मची हुई है. इस मुलाकात को लेकर शरद पवार ने स्पष्टीकरण तो दे दिया है लेकिन बावजूद इसके इस मुलाकात पर चर्चा लगातार जारी है.