भ्रष्ट नेता अदालत से जमानत को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और राजनीति करने के लिए इस न्यायिक प्रक्रिया का लाभ उठा रहे हैं. अब इन नेताओं ने बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ अगले चुनाव के लिए गठबंधन तो कर लिया लेकिन हमें गठबंधन का असली एजेंडा जानना चाहिए.
आधा विपक्ष जमानत पर हैं और आधे जेल में हैं और वे भ्रष्टाचार के बारे में बोलते हैं. राहुल गांधी जमानत पर हैं, सोनिया गांधी जमानत पर हैं और डीके शिवकुमार जमानत पर हैं. उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान पीएफआई के खिलाफ मामले वापस लेने के लिए सिद्धारमैया से माफी मांगने की भी मांग की.
चुनाव घोषणापत्र में, कांग्रेस पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की बात करती है. नरेंद्र मोदी जी ने पहले ही इस पर प्रतिबंध लगा दिया है और अमित शाह जी ने इसे लागू किया है. सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने पीएफआई के 175 मामले वापस ले लिए थे और जेल में बंद 1,600 कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया था.
यह कहते हुए कि बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद चिकित्सा आधार पर चारा घोटाला मामले में जमानत पर रिहा होने के बाद बैडमिंटन खेल रहे हैं, सीबीआई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से उनकी जमानत रद्द करने का आग्रह किया.
Journalist