कुछ दिनों पहले इंडिया गठबंधन की तरफ़ से सदन के नियम 198 के तहत अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया. इस प्रस्ताव पर चर्चा के लि 8 अगस्त की तारीख तैय की गई है.

modi in sikar

अविश्वास प्रस्ताव पर 8 से 10 अगस्त तक सदन में चर्चा चलेगी. इसके बाद 10 अगस्त को पीएम मोदी अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देंगे. लोकसभा में बहुमत का आंकड़ा 269 है. अकेले भाजपा के पास 301 सांसद हैं. 333 सांसदों का समर्थन एनडीए के पास है. ‘इंडिया’ गठबंधन के पास कुल 142 सांसद ही हैं. सबसे ज्यादा 50 सांसद कांग्रेस के पास हैं.

विपक्ष की होगी फजीहत

विपक्ष इस अविश्वास प्रस्ताव के जरिए केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है. विपक्षी दलों के पास केंद्र को हराने के लिए ना संख्या बल है. विपक्ष की ओर से लाए गए इस अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी उसमें बोलेगा कौन क्योंकि विपक्ष की ओर से जो बोल सकते थे वो थे राहुल गांधी. मल्लिकार्जुन खड़गे भी राज्यसभा में होंगे.

2018 का अविश्वास प्रस्ताव

2018 में तेलुगु देशम पार्टी अविश्वास प्रस्ताव लाई थी, जिसका विपक्ष के कई दलों ने समर्थन किया था. तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने विश्वास मत की इजाजत दी थी. इस अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग के दौरान एनडीए को 325 वोट मिले. और मोदी सरकार 2018 में उस प्रस्ताव को गिराने में कामयाब हो गई.

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राजयसभा चेयरमेन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव

विपक्ष राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है. 1 अगस्त को हुई विपक्ष की बैठक में इस पर चर्चा की गई है. विपक्ष का आरोप है कि सभापति विपक्ष की बात नहीं सुनते हैं और सत्ता पक्ष को तरजीह देते हैं.

इसी पर विपक्ष की बैठक में कुछ दलों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है. मणिपुर को लेकर अभी तक राज्यसभा के चेयरमैन का जो रुख रहा है, विपक्ष उससे नाराज है. विपक्ष चाहता है कि मणिपुर पर नियम 267 के तहत चर्चा हो.