नारी शक्ति वंदन अधिनियम अखिरकार संसद के दोनो सदनों से पास हो ही गया. लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिए जाने का रास्ता भी साफ़ हो गया है. और विपक्ष महिला आरक्षण बिल पर पुरी तरह से बंट गया. मोदी सरकार के हाथ एक और बड़ा चुनावी हथियार हाथ लगा हैं.
ऐतिहासिक नारी शक्ति वंदन अधिनियम या महिला आरक्षण विधेयक को लोकसभा ने बुधवार को दिन भर की चर्चा के बाद 454 वोटों के भारी अंतर से पारित कर दिया, जबकि दो सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया.
गुरुवार, 21 सितंबर को 215 से अधिक राज्यसभा सांसदों ने शून्य संख्या और शून्य परहेज के साथ विधेयक के पक्ष में मतदान किया. बुधवार को यह बिल लोकसभा में पारित हो गया और 454 सांसदों ने इसके पक्ष में वोट किया.
2019 के लोकसभा चुनाव में महिलाओं ने पुरुषों से अधिक मतदान किया था. महिला मतदाताओं में सबसे अधिक समर्थन बीजेपी को मिला था. इसके पीछे उज्ज्वला, हर घर शौचालय जैसी योजनाओं के साथ ही राशन कार्ड पर परिवार की मुखिया के रूप में महिलाओं को शामिल करने के फैसले हैं.
विधेयक पर वोटिंग और पारित होने के लिए उच्च सदन में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बहस बहुत सफल रही. भविष्य में भी यह बहस हम सभी की मदद करेगी. विधेयक को समर्थन देने के लिए सभी को धन्यवाद. यह भावना भारतीयों में नये आत्मसम्मान को जन्म देगी.