मिस्र के सबसे पुराने और सबसे बड़े इस्लामी संगठन के तौर पर पहचान बनाने वाले मुस्लिम ब्रदरहुड से हमास का सीधा कनेक्शन है. इस मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन को ख्वान अल- मुस्लमीन के नाम से भी जाना जाता है. जिसकी स्थापना मिस्र में स अल-बन्ना ने साल 1928-1920 के दशक में की थी. हमास सैन्य शाखा वाला एक इस्लामी संगठन है, जो 1987 में वजूद में आया था.

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कहां से आया हमास शब्द?

“हमास” शब्द “हरकत अल-मुकावामा अल इस्लामिया” का संक्षिप्त रूप है, जिसका मतलब है- इस्लामी प्रतिरोध के लिए आंदोलन. ज्यादातर फिलिस्तीनी गुटों और राजनीतिक दलों की तरह समूह इस बात पर जोर देता है कि इजराइल एक कब्जा करने वाली शक्ति है और वो फिलिस्तीनी क्षेत्रों को आजाद करने की कोशिश कर रहा है. ये इजराइल को एक “अवैध राज्य” मानता है.

इजराइल और फिलिस्तीन के बीच समझौते का विरोध

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक 1993 में हमास ने ओस्लो समझौते का विरोध किया, जो इजराइल और फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (पीएलओ) के बीच एक शांति समझौता था. समूह खुद को फिलिस्तीनी प्राधिकरण (पीए) के विकल्प के रूप में प्रस्तुत करता है, जिसने इजराइल को मान्यता दी है और उसके साथ कई असफल शांति पहलों में शामिल हुआ है.

पीए का नेतृत्व महमूद अब्बास कर रहे हैं और ये इजरायल के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में मौजूद है. हमास गाजा पट्टी को नियंत्रित करता है, जो एक ऐसा क्षेत्र है जो लगभग 20 लाख फिलिस्तीनियों का घर है और इजरायली बलों के बीच लड़ाई के दौरान अक्सर नागरिक हताहत होते हैं.

इजराइल के खिलाफ हिजबुल्लाह ने फिर खोला मोर्चा

अब इजराइल-हमास के बीच छिड़े युद्ध हिजबुल्लाह ने भी हमले शुरू कर दिए हैं. हिजबुल्लाह ने एक बयान में कहा कि फिलिस्तीनी विटोध’ के साथ एकजुटता जताने के लिए बड़ी संख्या में रॉकेट और विस्फोटकों का इस्तेमाल कर ये हमला किया गया. उसने बताया कि इजराइली ठिकानों को सीधे निशाना बनाया गया.

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इजराइली सेना ने जवाबी कार्रवाई करते हुए लेबनानी इलाकों में गोलाबारी की. इजराइली सेना ने बताया कि उसने उन इलाकों में गोलाबारी की, जहां लेबनानी सीमा की तरफ से हमले किए गए थे. इजराइल ने 1967 के पश्चिम एशिया युद्ध के दौरान सीरिया से शीबा फार्म्स का नियंत्रण छीन लिया था, लेकिन लेबनान इस इलाके पर और नजदीकी फार चौबा पर्वतीय क्षेत्र पर अपना दावा जताता है.

इजराइल ने 1981 में गोलन हाइट्स पर कब्जा जमाया था. 1973 में इसराइल पर मिस्र और सीरिया के अचानक हुए हमले के क़रीब पांच दशक बाद फ़लस्तीनी लड़ाकों ने ईजराइल पर बड़ा हमला कर दिया. शबात यानी यहूदियों के छुट्टी के दिन, फ़लस्तीनी चरमपंथी गुट हमास का ये हमला भी ऐसे वक्त हुआ जब किसी को इसकी उम्मीद नहीं थी.

1973 को हुई इस लड़ाई को अक्टूबर युद्ध, पहला अरब-इसराइली युद्ध या फिर योम किप्पुर युद्ध के नाम से जाना जाता है. इस लड़ाई में सीरिया ने गोलान हाइट्स की तरफ से और मिस्र ने सुएज़ नहर की तरफ से इसराइल पर हमला कर दिया और तेज़ी से इसराइल के भीतर दाखिल होने लगे.

कई इसराइलियों ने आश्चर्य जताया है कि घटना को देखते हुए इसराइली डिफेन्स फोर्सेस ने उतनी तेज़ी से प्रतिक्रिया नहीं दी जितनी उनसे उम्मीद थी. इस बीच हमास के चैनल में पोस्ट किए जा रहे फुटेज में देखा जा सकता है कि इसराइली आर्मी के पोस्ट और टैंकों पर फ़लस्तीनी लड़ाकों ने कब्ज़ा किया है और वो इसराइली सैनिकों को मार रहे हैं. उनका कहना है, “हमें अपने भविष्य की चिंता है, 2021 में इसराइल में शोरुक टावर पर हमला किया था, उस वक्त मेरे परिवार की दुकान तबाह हो गई थी.