हाल ही में राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत-चीन संघर्ष पर भारतीय सेना के खिलाफ कई बयान दिए। हम सभी चीन की पीएलए सैनिकों के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना की बहादुरी को याद करते हैं। हमारे जांबाजों ने किस तरह चीनी सेना को आईना दिखाकर वापस भेजा, इसका सबूत देश दे रहा है। हालांकि, हमारे अपने देश के नेता सीमा बलों की बहादुरी को स्वीकार नहीं कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार सो रही है जबकि चीन अवांछित गतिविधि की तैयारी कर रहा है।
आज हम उन सभी बयानों पर चर्चा करेंगे जो श्री गांधी ने पहले कहे थे और आइए समझने की कोशिश करते हैं कि वह क्या सोच रहे हैं।

क्या है भारतीय सेना पर बयान का मामला 

अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर भारत और चीन के बीच संघर्ष को लेकर विवाद जारी है। अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों के साथ झड़प के कुछ दिनों बाद सीमावर्ती राज्यों के लोगों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों का दावा है कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) हमारे सैनिकों को पीट रही थी। विपक्षी का ये भी दावा है कि अरुणाचल प्रदेश में चीन घुसपैठ कर रहा है और हमारी केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार सो रही थी। लेकिन अरुणाचल प्रदेश के तवांग के स्थानीय लोग ऐसा नहीं सोचते हैं। वहां कई स्थानीय लोगों ने राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं पर भारतीय सैनिकों का अपमान करने की बात कही है। विपक्षी पार्टियों के इस बयान से स्थानीय लोग खफा है। तवांग के एक स्थानीय छात्र सोनम राशी ने कहा, ”हमें पता भी नहीं चला कि चीनी घुसपैठ कर चुके हैं। हालांकि, अब इसका राजनीतिकरण हो गया है। कुछ लोग मुंबई और दिल्ली में बैठकर अफवाहें फैला रहे हैं और बढ़ा-चढ़ाकर बयान दे रहे हैं। तवांग पर्यटन पर बहुत निर्भर करता है, ऐसी अफवाहें पर्यटन को प्रभावित करती हैं।”