रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम(RRTS) में सुप्रीम कोर्ट ने अरविन्द केजरीवाल की फटकार लगायी. RRTS प्रोजेक्ट एक 31000 करोड़ का प्रोजेक्ट है जो दिल्ली और मेरठ (उत्तर प्रदेश), दिल्ली और अलवर (राजस्थान), दिल्ली और पानीपत (हरयाणा) को रैपिड रेल के जरिये जोड़ेगा.

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इस प्रोजेक्ट के लिए उत्तर प्रदेश को 4000 करोड़ और दिल्ली को 1100 करोड़ देने थे. दिल्ली सरकार की देरी की वजह से सुप्रीम कोर्ट में इसकी अर्जी डाली गयी.

कोर्ट ने दिए आदेश

RRTS के प्रति दिल्ली सरकार ने अपनी असमर्थता दिखाई है. कोर्ट ने आदेश दिए की पिछले 3 सालों में advertisment पर जितना खर्च हुआ है 2 हफ्ते में उसका एक affidavit लगाये सरकार.

सरकार ने affidavit में बताया की 1100 करोड़ advertisment पर खर्च हुए. जस्टिस एस के कॉल और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच ने निर्देश दिए की 2 महीनों के अन्दर 415 करोड़ का भुगतान किया जाये.

अरविन्द केजरीवाल के वकील अभिषेक मनुसिंघ्वी ने कोर्ट से आश्वासन देते हए कहा की दिल्ली सरकार को थोडा वक़्त दिया जाये पेमेंट करने के लिए.