कांग्रेस आलाकमान के आम आदमी पार्टी से गठबंधन इंडिया के नाम पर हाथ मिलाने के बाद अपने लिए मुसीबत खड़ी करली थी. जहां कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर अध्यादेश पर केजरीवाल का समर्थन करती दिखाई दी. लोकसभा और राज्य सभा में दिल्ली सेवा बिल का कांग्रेस ने जमकर विरोध किया तो और इसे लेकर दिल्ली कांग्रेस में अब बड़ी फूट पड़ गई है.

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कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, ‘जब मैंने कहा था कि सेवाओं के मामले में केंद्र सरकार की ओर से लाया गया अध्यादेश सही है तो वह (अरविंद केजरीवाल) दिल्ली में सेवाओं के मसले पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करके खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले थे.

दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बैटे संदीप दीक्षित ने इससे पहले भी केजरीवाल पर हमला बोलते हुए उनकी तुलना गीदड़ से की थी. और कहा था कि वो केजरीवाल की तुलना गीदड़ से भी नहीं कर सकते.

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दिल्ली के कांग्रेस नेताओं के साथ 16 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मीटिंग की. इस बैठक से दिल्ली की सात लोकसभा सीटों पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

2019 में सात लोकसभा सीटों पर कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही थी. और कांग्रेस का मनना है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस को एक मजबूत विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है. पार्टी का मानना साफ है कि केजरीवाल अगर दिल्ली की सीटों पर चुनाव लड़ेंगे तो हार जाएंगे.