मोदी कैबिनेट की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया हैं. पहले बैठक में दिल्ली अध्यादेश बिल को मंजूरी दी गई. मोदी सरकार इसी मॉनसून सत्र के दौरान संसद में बिल पेश करेंगी.
31 जुलाई को दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश से संबंधित बिल को पेश किया जाएगा. अमित शाह ये बिल पेश करेंगे.
गृह मंत्री अमित शाह इस बिल को पेश करेंगे. विरोध करते हुए आप नेता और राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखा है.
राघव चड्ढा का पत्र
“11 मई 2023 को, सुप्रीम कोर्ट की एक संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से माना कि संवैधानिक आवश्यकता के रूप में, दिल्ली की एनसीटी सरकार में सेवारत सिविल सेवक सरकार की निर्वाचित शाखा, यानी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में निर्वाचित मंत्रिपरिषद के प्रति जवाबदेह हैं.”
राघव चड्ढा ने इस अध्यादेश के अवैध होने को लेकर तीन कारण भी बताए. पहला कारण बताया कि केंद्र का अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ है. दूसरा ये कि यह अध्यादेश संविधान के अनुच्छेद 239AA की धज्जियां उड़ाता है. तीसरा कारण बताया कि इस अध्यादेश को लेकर एक केस सुप्रीम कोर्ट में अभी विचाराधीन है. इस मसले को संविधान पीठ को विचार के लिए सौंप दिया गया है.