ईडी के एक्शन के बाद लालू परिवार परेशान है. ईडी ने 6 करोड़ की सम्पत्ति को अटैच करके ये संकेत तो साफतौर पर दे दिया है कि ये कार्यवाई यहीं पर रूकने वाली नहीं है.

lalu yadav

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और उनके परिवार की 6 करोड़ 2 लाख रुपए की जो संपत्ति अटैच की है इसमें गाजियाबाद और बिहार की सभी संपत्तियां शामिल हैं. इस मामले में लालू यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी और बेटियां मीसा, हेमा से पहले ही पूछताछ की जा चुकी है.

दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 7 अगस्त को होने वाली है. लैंड फॉर जॉब केस की नई चार्जशीट ने लालू परिवार पर और कहर ढाया है क्योंकि इस चार्जशीट में लालू यादव और राबड़ी के साथ तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया गया है.

इस केस में तेजस्वी के अलावा 17 लोग शामिल है. CBI की तरफ से लैंड फॉर जॉब केस में पिछले साल 7 अक्टूबर को एक चार्जशीट दाखिल की गई थी, तेजस्वी यादव को इस मामले में राहत मिली हुई थी.

कैसे आया तेजस्वी का नाम?

ईडी की जांच पड़ताल में पता चला कि दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित मकान संख्या D-1088 एबी एक्सपोर्ट्स प्रा.लि. के नाम रजिस्टर्ड है.

इस कंपनी के मालिक तेजस्वी प्रसाद यादव और उनका परिवार है जिसकी बाजार की कीमत 150 करोड़ है. इसे खरीदने में मुंबई के जेम्स और ज्वेलरी के कारोबारियों ने पैसा लगाया है. कागज पर ये कंपनी का ऑफिस है, लेकिन तेजस्वी इसे अपने घर की तरह इस्तेमाल करते हैं.

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?

लैंड फॉर जॉब घोटाला 14 साल पुराना है. लालू यादव रेल मंत्री थे UPA 2 में. सीबीआई ने जांच में ये भी पाया कि रेलवे में सब्सटीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस भी जारी नहीं किया गया था.

rabri devi

लेकिन जिन परिवारों ने लालू परिवार को अपनी जमीन दी, उनके सदस्यों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त कर दिया गया. लालू के परिवार ने बिहार में 1 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा जमीन महज 26 लाख रुपए में हासिल कर ली. उस समय के सर्कल रेट के मुताबिक जमीन की कीमत करीब 4.39 करोड़ रुपए थी.

क्या है सीबीआई का आरोप?

सीबीआई ने इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा यादव और हेमा यादव समेत कुछ उम्मीदवारों को आरोपी बनाया है.

सीबीआई का आरोप है कि लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे, तब उन्होंने ग्रुप डी में सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती के बदले जमीनें लीं. ये जमीनें लालू यादव ने अपने परिजनों के नाम कराईं.

कैसे फंसा लालू परिवार?  

लैंड फॉर जॉब मामले में 7 ऐसी डील थी जिन्होंने लालू परिवार को बुरी तरह से फंसा दिया था. उन सात डीलों की वजह से ही लालू परिवार पर कानूनी शिकंजा कसना शुरू हुआ था. सात डीलों ने लालू यादव के सांतवे आसमान के सितारों को गर्दिश में ला दिया और उनका बुरा दौर शुरू हो गया.

सीबीआई ने शुरुआती जांच में पाया था कि 6 फरवरी 2008 को पटना के रहने वाले किशुन देव राव ने अपनी 3,375 वर्ग फीट की जमीन राबड़ी देवी के नाम पर की थी. ये जमीन 3 लाख 75 हजार रुपये में बेची गई. उसी साल राव के परिवार के तीन सदस्यों राज कुमार सिंह, मिथिलेश कुमार और अजय कुमार को मुंबई में ग्रुप डी में भर्ती किया गया.

एक तरफ तो लालू यादव विपक्षी गठबंधन को मजूबत करने की बातें कर रहे हैं और बीजेपी को बिहार से साफ करने के दावे कर रहे हैं तो दूसरी तरफ उनपर ही भ्रष्टाचार की कार्यवाई हो रही है.