हाईकोर्ट ने ये जुर्माना महिला सहकारी समिति में कथित अनियमितताओं की जांच CID की बजाय CBI और ED से करवाने के आदेश को लागू करने में नाकाम रहने पर लगाया है. हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने ममता सरकार को 24 अगस्त को आदेश दिया था कि इस मामले की जांच सीबीआई और ईडी को सौंपी जाए.
साथ ही मामले से जुड़े सभी संबंधित दस्तावेज भी केंद्रीय एजेंसियों को सौंपे जाएं. लेकिन पश्चिम बंगाल की सरकार ने अब तक इसकी जांच सीबीआई और ईडी को नहीं सौंपी है. जिससे मामले की सुनवाई कर रहे हाईकोर्ट के जज आग बबूला हो उठे. और बिना देरी करते हुए जज साहब ने ममता सरकार पर 50 लाख का जुर्माना ठोक दिया. और तो और सरकार को ये रकम दो हफ्ते के अंदर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के पास जमा करवानी है.
क्या बोला HC ने?
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को सीबीआई और ईडी को दस्तावेज सौंपने के लिए तीन दिन का समय दिया है. जिससे ममता सरकार औऱ CID बुरी तरह फंस चुकी है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि ममता सरकार घोटाले की जांच सीबीआई और ईडी को नहीं सौप रही.
बंगाल के अलीपुरदार जिले में महिला सहकारी समिति में 50 करोड़ रुपये के गबन का मामला सामने आया था. आरोप लगा कि समिति में लोगों ने करोड़ों का जो पैसा जमा करवाया था. पैसा लोन पर कुछ लोगों को दे दिया गया. काफी शिकायतों के बाद भी पैसा नहीं लौटाया गया. इसके बाद इस समिति ने 2020 में काम करना बंद कर दिया था. राज्य सरकार ने मामले की जांच CID को दी. सीआईडी अब तीन साल से इस मामले की जांच कर रही है. मामले में अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
कोलकत्ता हाईकोर्ट आगबबूला है. वहीं मामले पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा है कि मैं जानता हूं कि पैसे का गबन किसने किया. जो लोग साइकिल चलाकर गरीबों का पैसा खाते थे, वे अब कार चला रहे हैं. कोर्ट के साथ खेल रहे हैं? आपने (CID) इतने लंबे समय तक जांच की. कुछ क्यों नहीं हुआ ? जांच आगे नहीं बढ़ने पर इसे सीबीआई को दे दिया जाए. अगर तीन दिन के भीतर दस्तावेज सीबीआई को नहीं सौंपे गए तो मैं गृह सचिव को तलब करूंगा.
क्या है शिक्षक भर्ती मामला?
शिक्षक भर्ती घोटाले में ईडी ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी से करीब नौ घंटे पूछताछ की. इस दौरान उनसे ऐसे ऐसे सवाल जवाब किए गए कि अभिषेक बनर्जी बुरी तरह तिलमिला उठे. ईडी के सवालों से अभिषेक के पसीने छूट गए. क्योंकि अभिषेक एक नहीं दो दो घोटाले में पूछताछ का सामना कर रहे हैं.
शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस नेता कुंतल घोष की शिकायत में TMC महासचिव अभिषेक बनर्जी का नाम सामने आया था. और तभी से वो जांच एजेंसियों की रडार पर हैं. आरोप है कि शिक्षक भर्ती घोटाले का पैसा एक कंपनी में लग रहा था. जिससे काफी पहले अभिषेक बनर्जी भी जुड़े हुए थे. इसी वजह से अभिषेक बनर्जी को पूछताछ के लिए तलब किया गया. कहा जा रहा है कि शिक्षक भर्ती घोटाले में अभिषेक बनर्जी लंबे नप सकते हैं.