मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची में सत्ताधारी बीजेपी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में हारी हुई सीटों पर फोकस किया है. इसमें 2013 में भी हारी हुई सीटें शामिल हैं. बीजेपी ने 39 उम्मीदवारों की पहली सूची में 14 ऐसे लोगों को फिर से मौका दिया है जो पिछली बार चुनाव हार गए थे, इनमें तीन पूर्व मंत्री भी शामिल हैं.

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बीजेपी के लिए ये 39 सीटें चक्रव्यूह की तरह हैं, जहां 2018 में कांग्रेस का तिलिस्म तोड़ नहीं पाई थी. अमित शाह ने रणनीति के तहत उन हारे हुए योद्धाओं पर ही भरोसा जताया है जो 2018 में चक्रव्यूह को तोड़ नहीं पाए थे. रणनीति में बदलाव के तहत मध्यप्रदेश में सत्तारुढ़ बीजेपी ने विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले ही उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है.

इनमें पांच महिलाओं के साथ 39 प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी की. चुनावी तैयारियों और प्रत्याशियों को तय करने के मामले में वो अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से आगे निकल गई. दरअसल, मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव होने हैं. अभी हाल ही में मायावती के नेतृत्व वाली बीएसपी सात उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर मप्र में ऐसा करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी बन गई थी.

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जिन 39 सीट के लिए बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें से लगभग सभी सीट पर नवंबर 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस से हार गई थी. कांग्रेस ने 2018 दिसंबर में अपनी सरकार बनाई थी, लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में विधायकों के कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने से वह सत्ता से बाहर हो गई थी. बीजेपी ने जिन 39 सीट के लिए उम्मीदवार घोषित किए हैं, उनमें से 38 सीट पर वर्तमान में कांग्रेस और एक सीट पर पथरिया से बसपा विधायक रामबाई बहुजन समाज पार्टी बसपा का कब्जा है.

39 घोषित उम्मीदवारों में कांग्रेस के दो मुस्लिम विधायकों के खिलाफ बीजेपी ने हिंदू प्रत्याशी मैदान में उतारा है. भोपाल की ये दो सीट हैं- भोपाल उत्तर और भोपाल सेंट्रल. इन दोनों सीटों पर बीजेपी ने हिंदू उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं. बीजेपी ने भोपाल उत्तर से भोपाल के पूर्व महापौर आलोक शर्मा को मैदान में उतारा है. भोपाल उत्तर सीट का प्रतिनिधित्व वर्तमान में कांग्रेस विधायक आरिफ अकील कर रहे हैं.