मोदी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की रूप रेखा बदल दी है. आज तीन आपराधिक कानूनों में बदलाव करते हुए लोकसभा में बिल पेश किया गया. इसमें आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट शामिल है. ये कानून अंग्रेजों की गुलामी के वक्त से बने हुए थे. जिसे खत्म करते हुए गुलामी की निशानियों को मिटा देने का संदेश दिया है. इसी के साथ राजद्रोह के कानून को खत्म करने को लेकर भी प्रस्ताव पेश किया गया.

amit shah

बदलाव के बाद आईपीसी अब भारतीय न्याय संहिता, सीआपीसी- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, एविंडेंस एक्ट को भारतीय साक्ष्य विधेयक के नाम से जाना जाएगा. सरकार के इस फैसले से बदले ये तीन कानून अब भारतीय नागरिक के अधिकारों की रक्षा.

अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद राहुल गांधी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने के बाद आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल ने ना सिर्फ पीएम मोदी पर हमला किया बल्कि फिर ऐसा विवादित बयान दे दिया जिसपर उन्हें घेरा जाने लगा है.

राहुल ने अपने मणिपुर दौरे का जिक्र करते हुए जहां के हालातों के मद्देनजर राज्य में आर्मी को भेजने का सुझाव दिया. लेकिन इसी बीच उनके बोल बिगड़े और राहुल ने मणिपुर के हालातों को तमाशा करार दिया.

rahul gandhi

फर्जी हस्ताक्षर के मामले में राघव चढ्ढा राज्यसभा से सस्पेंड

जिसमें संजय सिंह और राघव चढ्ढा की मुश्किलें बढ़ गई है. सदन में अमर्यादित व्यवहार के चलते पहले संजय सिंह को निलंबित किया गया. और अब उनके सस्पेंश का समय बढ़ा दिया है. वहीं फर्जीवाड़े के मामले में फंसे राघव चढ्ढा को भी राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया है.

AAP के दोनों नेताओं को प्रिवलेज कमेटी का फैसला आने तक राज्यसभा से निलंबित किया गया है. फर्जी हस्ताक्ष का मामला सामने आने के बाद राघव पर ये कदम नियमों के उल्लंघन के चलते उठाया गया है.

मानसून सत्र में CM योगी ने अखिलेश के हर वार पर किया पलटवार

उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का पांचवा दिन बेहद गहमा गहमी भरा रहा. नेता विपक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को जमकर घेरा. जिसके जवाब में सीएम योगी ने अखिलेश के हर वार पर चुन-चुनकर पलटवार किया. सीएम योगी ने अखिलेश यादव को चांदी के चम्मच से खाना खाने का आदी बताते हुए साफ कहा कि वह गरीब का दर्द नहीं समझेंगे. उन्होंने दो टूक कह दिया कि अखिलेश को जमीनी हकीकत की जानकारी नहीं है.