महाराष्ट्र के उठापटक के खेल से अंदाजा लगाना मुश्किल है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में किसकी क्या भूमिका होने वाली है और कौन सी पार्टी चुना को अपने पाले में कर पाएगी. जबसे महाराष्ट्र में एनसीपी टूटी है उसके बाद से ही लगातार रोज कोई न कोई मुद्दा महाराष्ट्र में छाया ही रहता है.
कभी शरद पवार अपने भतीजे अजित पवार से गुपचुप तरीके से सीक्रेट मीटिंग करते हैं, कभी शरद पवार पीएम मोदी के साथ मंच साझा करते हैं. महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी NCP में दोफाड़ होने के बाद अब अपने-अपने कुनबे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.
नवाब मलिक को पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल के आधार पर अंतरिम जमानत दी गई है. वो मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पिछले साल से जेल में बंद थे. मलिक को मुंबई के एक निजी अस्पताल से छुट्टी दी गई है. मलिक का दो महीने के लिए अंतरिम जमानत पर हैं.
ईडी ने मलिक को कथित तौर पर भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े एक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था. मलिक का मई 2022 से किडनी से संबंधित बीमारी के लिए निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
नवाब मलिक की ताकत, या सोची समझी रणनीति?
जब नवाब मलिक जेल से बाहर आए तो सबसे पहले शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले उनका स्वागत करने पहुंचीं. अजित गुट की महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष रूपाली चाकणकर भी मौजूद थीं. बाद में शरद पवार ने मलिक को फोन किया और हालचाल लिया.
2 जुलाई को एनसीपी में बगावत हुई थी. अजित पवार ने सीधे तौर पर एनसीपी पर कब्जे की लड़ाई शुरू कर दी. चुनाव आयोग में पार्टी पर दावा कर दिया. शरद पवार के साथ उनके गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दावा किया कि हम असली एनसीपी हैं.
हालांकि, नवाब मलिक के मन में क्या है- ये सवाल उनके जेल से बाहर आने के बाद से ही बना हुआ है. मीडिया से बातचीत में नवाब मलिक ने एक बयान दिया था. उन्होंने कहा, मैं किसी गुट में शामिल नहीं होऊंगा. मैं मूल एनसीपी के साथ रहूंगा.
कौन हैं नवाब मलिक?
महा विकास अघाड़ी सरकार में एनसीपी कोटे से मंत्री रहे नवाब मलिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनका पूरा परिवार 1970 में यूपी से मुंबई में शिफ्ट हो गया था. उन्होंने अपना सियासी सफर मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के साथ से शुरू किया. बाद में शरद पवार की टीम में शामिल हो गए.
नवाब मलिक पांच बार से विधायक हैं. मलिक ने महाराष्ट्र के मुस्लिम बाहुल नेहरू नगर सीट से 1996 में उपचुनाव में सपा के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. 1999 के विधानसभा चुनाव में दोबारा सपा के टिकट पर नेहरू नगर सीट से जीत हासिल की.
2004 में शरद पवार की एनसीपी में एंट्री
2004 में मलिक ने शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए और नेहरू नगर सीट से जीत की हैट्रिक लगाई. 2009 के विधानसभा चुनाव में परिसीमन के बाद मलिक ने अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और लगातार चौथी बार विधायक बने.
2014 के चुनाव में अणुशक्तिनगर सीट से शिवसेना के उम्मीदवार ने मामूली वोटों से हरा दिया था. 2019 के चुनाव में मलिक ने फिर चुनाव लड़ा और पांचवी बार विधायक बने. 2020 में वो एनसीपी मुंबई के अध्यक्ष भी बने. उन्हें एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बेहद करीबी माना जाता है.