संसद के विशेष सत्र की आज से शुरुआत होने जा रही हैं जो कि 22 सितंबर तक चलेगा, इसमें पांच बैठकें होंगी. मोदी सरकार की तरफ से सभी मंत्रियों को विशेष सत्र के पांचों दिन मौजूद रहने का आदेश दिया गया है. कांग्रेस पार्टी ने भी अपने सदस्यों को सदन में मौजूद रहने को लेकर व्हिप जारी किया है.
विपक्ष को डर इस बात का हैं कि कहीं मोदी सरकार कोई नया बम ना फोड़ दे. और यही वजह हैं कि बार बार विपक्ष के तरफ से मोदी सरकार से ये सवाल किया गया कि संसद के विशेष सत्र को बुलाने का आखिर एंजेडा क्या हैं. हालाकि सरकार के तरफ से सत्र का एजेंडा जारी काफी दिन पहले ही कर दिया गया था. 4 बिल की बात सामने आई थी.
सभी की निगाहें संसद के विशेष सत्र पर टिकी रहेगी. इस सत्र में कई अहम बिल पेश हो सकते हैं. मोदी सरकार पहले ही बता चुकी हैं कि चार बिल पास कराए जाएंगे. इन चार में से दो बिल ऐसे हैं जो हाल ही में संपन्न हुए मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पास हो चुके हैं. ये राज्यसभा से पास होने के बाद लोकसभा में पेंडिंग हैं.
लोकसभा में, सरकार ने दो विधेयकों को सूचीबद्ध किया- अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023 और प्रेस और पत्रिकाओं का पंजीकरण विधेयक, 2023- जिन्हें मानसून सत्र में राज्यसभा द्वारा पारित किया गया था. चुनाव आयुक्तों के चयन पर विधेयक विवादास्पद साबित होने की संभावना है.