मोदी विरोधी 26 विपक्षी दलों के गठबंधन का नामकरण हो गया है, इसके साथ ही 2004 में बने UPA का सियासी अस्तित्व भी खत्म हो गया. अब यूपीए अतीत की बात हो गई और भारतीय राजनीति में एक नए गठबंधन ने आकार ले लिया है . बेंगलुरु में 26 विपक्षी दलों की बैठक में गठबंधन का नाम इंडिया (इंडियन नेशनल डिवेलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) रखा गया हैं. 2024 की लड़ाई NDA और INDIA के बीच होगी.

opposition meeting

नए नामकरण पर बीजेपी सवाल उठा रही है और पूछ रही है कि गठबंधन का नाम हिंदी में क्या हैं वो बताए. सवाल यह है की क्या देश इंडिया के नाम का इस्तेमाल इस तरह से किया जा सकता है?

क्या है एम्बलम एक्ट ऑफ़ इंडिया?
एम्बलम एक्ट का पूरा नाम है, “द एम्बलम एक्ट ऑफ इंडिया, प्रोहिबिशन एंड प्रॉपर एक्ट यूज 2005”, जो 1950 से था, पर 2005 में इसे संशोधित किया गया. इस एक्ट में बताया गया है की किन नामों का आप इस्तेमाल कर सकते हैं और किनका नहीं. किन चिह्नों का इस्तेमाल कर सकते हैं और किनका नहीं और जिस नाम का इस्तेमाल विपक्षी पार्टी कर रही है वह एक नाम हैं INDIA. अगर कोई पॉलिटकल पार्टी या अलायंस इस नाम का इस्तेमाल करती है, तो वो चिंता के विषय के साथ-साथ कानून का उल्लघंन भी हैं. एम्बलम एक्ट 3 कहता है कि कोई भी दूसरा पक्ष वो नाम नहीं रख सकता, जिससे “राज्य द्वारा प्राधिकृत चिह्नों की व्याप्ति हो. अगर कोई संस्था या अलायंस ऐसा नाम रखती है तो यह धारणा बन सकती है कि यह तो भारत सरकार खुद है, जब ऐसी अवधारणा जाएगी, तो फ्री और फेयर इलेक्शन करवाना शायद मुश्किल होगा.
निश्चित तौर पर अब इस मामले में मुकदमा दर्ज होने की संभावना है. विपक्ष का पुरा समय कोर्ट-कचहरी में ही बीतने वाला हैं इस नाम को लेकर. चुनाव आयोग से गठबंधन के नाम पर कार्रवाई करने का आह्वान किया गया हैं. बीजेपी महाराष्ट्र सोशल मीडिया-कानूनी और सलाहकार विभाग के प्रमुख, बॉम्बे हाई कोर्ट के वकील आशुतोष जे दुबे ने ईसीआई को पत्र लिखा हैं और गठबंधन के नाम पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई हैं.

विपक्ष ने बोलचाल या संवादात्मक उद्देश्यों के लिए गठबंधन बनाया है, तो वे इसका उपयोग करने के लिए कोई न कोई रास्ता ढूंढ सकते हैं. अगर विपक्ष रजिस्ट्रैशन करने की योजना बनाते हैं, तो ऐसा करना संभव नहीं होगा. विपक्षी दलों ने घोषणा की कि वे गठबंधन का मुख्यालय नई दिल्ली में बनाएंगे. हालांकि इंडिया के नाम पर वोट नहीं मांगा जा सकता. संविधान के अनुसार, ये हमारे देश का नाम है, और देश के नाम का फायदा चुनाव में नहीं उठाया जा सकता.
खबर है कि नीतीश कुमार ने इस नाम से आपती जताई हैं. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 18 जुलाई को विपक्षी नेताओं की मीटिंग में नीतीश कुमार इस बात पर अड़े थे कि गठबंधन का नाम इंडिया न हो। नाम कुछ ऐसा हो जिसमें इंडियन लगा हो। नीतीश कुमार का कहना था कि इंडिया नाम होने से बाद में ये कानूनी पचड़े में फंस सकता है। कुछ लोग अदालत भी जा सकते हैं। सुझाव के लिहाज से नीतीश कुमार ने इंडियन में फ्रंट या फिर इंडियन मेन अलायंस नाम रखने का सुझाव दिया। पर बैठक में मौजूद अधिकतर लोग इंडिया नाम के पक्ष में थे।