2001 में एक आम दिन की तरह शुरू हुआ 11 सितंबर. लेकिन पर्ल हारबर के बाद अमेरिका पर किये गए सबसे बड़े हमले में तब्दील हो गया और अमेरिका पर दुनिया के इतिहास का सबसे बड़ा हमला बन गया.

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11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को आतंकी हमले में ध्वस्त कर दिया गया था. इस हमले में करीब 3000 लोग मारे गये थे और 6000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.अल कायदा ने आज के दिन दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका को दहला के रख दिया था. 2001 में हुए ट्विन टावर विमान हमले में 3000 लोगों की जान चली गयी थी.

9/11 आतंकी हमला क्या है?

आतंकी संगठन अल कायदा ने हाईजैक किये हुए विमानों से हवाई हमला बोला. 11 सितंबर 2001 में 4 विमानों को हाईजैक कर लिया था. फ्लाइट 11 ने सुबह 8.30 बजे 110 मंजिला वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को ध्वस्त करके दुनिया को सन्न कर दिया था.

इसके कुछ देर बाद ही यूनाइटेड एयरलाइन्स की फ्लाइट 175 ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दक्षिणी tower से टकरा के उसे ध्वस्त किया. सुबह 9.37 बजे हाई अलर्ट होने के बाद भी फ्लाइट 77 वाशिंगटन में अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन से टकराई. फ्लाइट 93 यानि चौथी हाईजैक हुई विमान का लक्ष्य वाइट हाउस को अपना निशाना बनाना चाहती थी पर नियंत्रण छूटने से पेंसिलवेनिया के एक मैदान में क्रेश हो गयी.

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इस हमले में कुल 19 हाईजैकर शामिल थे. और 3000 के करीब लोगों की मौत हुई और 6000 घायल हुए. मारे गए ज्यादातर लोग आम नागरिक थे, लेकिन राहत और बचाव कार्य के दौरान 344 बचावकर्मी, 71 पुलिसकर्मी और 55 सैन्यकर्मी भी मारे गए थे.

अमेरिकी राष्ट्रपति को दी गयी थी प्राथमिक जानकारी

जॉर्ज बुश जो उस समय अमेरिका के राष्ट्रपति थे फ्लोरिडा के एक स्कूल में किताब का पाठ करने गए थे. उस समय उन्हें चीफ ऑफ़ स्टाफ अंद्रेयु कार्ड ने उन्हें वर्ल्ड सेंटर से विमान के टक्कर की बात बताई. इस बात को सुन के उन्हें यकीन नहीं हुआ और उन्होंने कहा कि पायलट को हार्ट अटैक आया होगा. इसके बाद 9.42 बजे अमेरिका विमान प्राधिकरण ने अमेरिका में सभी उड़ानें तत्काल प्रभाव से रोक दीं.