मिडिल ईस्ट में हालात तेजी से बिगड़ते जा रहे हैं। अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर अचानक हवाई हमला किया है। अमेरिकी हमले के तुरंत बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में इजरायल के 14 शहरों पर मिसाइलें दाग दीं। हालात इतने तनावपूर्ण हो चुके हैं कि इजरायली एयरलाइन एल-आल ने 27 जून तक सभी उड़ानों को रद्द कर दिया है। अमेरिकी एयरस्ट्राइक और ईरान के जवाबी हमले के बीच अब इजरायल ने भी पश्चिमी ईरान के कई शहरों को मिसाइलों से निशाना बनाया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले के बाद बयान जारी कर कहा कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर की गई कार्रवाई पूरी तरह सैन्य और रणनीतिक थी। ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी कि अगर वह अमेरिका पर पलटवार करने की कोशिश करता है तो उसे इससे भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। अमेरिका ने अपने बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स के ज़रिए ये हमला किया, जो भूमिगत ठिकानों को ध्वस्त करने में सक्षम माने जाते हैं।

ईरान का पलटवार और इजरायल में अलर्ट

अमेरिका के हमले से नाराज़ ईरान ने ताबड़तोड़ मिसाइलें दागकर अपना गुस्सा इजरायल पर निकाला। तेहरान की ओर से कहा गया कि यह हमला आत्मरक्षा के अधिकार के तहत किया गया है और अगर हमला दोहराया गया तो इसका जवाब और ज़्यादा तीखा होगा। मिसाइलों की बारिश खासकर तेल अवीव, हाइफा और अशदोद जैसे शहरों पर हुई। इसके बाद इजरायल ने अपनी मिसाइल डिफेंस प्रणाली एक्टिव कर दी और कई हमलों को बीच में ही नष्ट कर दिया।

इजरायल का जवाबी हमला और क्षेत्रीय संकट

ईरान के मिसाइल हमलों के बाद इजरायली सेना ने भी पलटवार किया और पश्चिमी ईरान के कई शहरों को निशाना बनाया। इजरायल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह जवाबी हमला था और जरूरत पड़ी तो ऐसे और भी कदम उठाए जाएंगे। इस पूरे घटनाक्रम ने मिडिल ईस्ट को एक बार फिर युद्ध की दहलीज़ पर ला खड़ा किया है, जहां हर देश अपनी स्थिति को लेकर सतर्क और तैयार है