अंशिका चौहान: इमरान खान नहीं संभाल पा रहे अपनी कुर्सी तो लड़ कर ज़ाहिर कर रहे हैं अपना गुस्सा.लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम 20 नवंबर को आईएसआई चीफ के तौर पर पाकिस्तान में कमान संभालने जा रहे हैं. लेकिन इस्लामाबाद में सत्ता के गलियारों में राजनीतिक-सैन्य मतभेद बढ़ रहे हैं. आईएसआई प्रमुख को लेकर अभी भी वजीर-ए-आज़म इमरान खान और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच मतभेद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है, और मतभेद हो भी क्यों नहीं, जब इमरान खान को अपनी सेना के बजाय आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति होगी, तो मतभेद और मतभेद दोनों का होना स्वाभाविक है. अंजुम वर्तमान में कराची कोर कमांडर हैं और जनरल हमीद को पेशावर कोर कमांडर के रूप में तैनात किया गया है. दरअसल पाकिस्तान में दो बड़े नाम आमने-सामने हैं. लेकिन इमरान की परेशानी इसलिए भी बढ़ रही है क्योंकि महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है. वहीं, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश गुलजार अहमद ने तहरीक-ए-तालिबान के साथ सरकार के समझौते के लिए इमरान को जिम्मेदार ठहराया है.जिसकी वजह से न सिर्फ पाकिस्तानी सेना बल्कि वहां के लोगों का भी इमरान पर से विश्वास उठ रहा है.
फैज हमीद पर बढ़ा दबाव
दरअसल, जनरल बाजवा द्वारा लेफ्टिनेंट जनरल हमीद को हटाने के पीछे प्रमुख कारण ये है कि हमीद की काबुल में तालिबान शासन विशेष रूप से सिराजुद्दीन हक्कानी समूह के साथ घनिष्ठ संबंध हैं. जहां इमरान चाहते थे कि अफगानिस्तान भारत के खिलाफ पाकिस्तान को रणनीतिक स्थिति दें.इमरान खान पहले आईएसआई प्रमुख फैज हमीद को सेवा देना चाहते थे. बता दें कि फैज हमीद वो व्यक्ति थे जिन्होंने इमरान खान की पार्टी को 2018 के चुनाव जीतने में मदद की. इतना ही नहीं, अफगानिस्तान की सीमा से लगे तालिबान की सत्ता में वापसी के पीछे फैज हमीद का भी दिमाग था.
क्या इमरान की कुर्सी छिन सकती है ?
अब ये कहना मुश्किल होगा कि इमरान खान अब अपनी कुर्सी बचा पाएंगे या नहीं. क्योकि जिस तरह से इमरान खान ने तहरीक-ए-तालिबान और तहरीक-ए-लब्बैकी के लिए इमरान अपना प्रेम बयां कर रहे हैं वो न सिर्फ पाक सेना बल्कि पाक की अवाम को भी दिख रहा है जो इमरान की सरकार गिराने में काफी है.जनरल बाजवा का स्पष्ट रूप से मानना है कि तालिबान की जहरीली विचारधारा उनके देश को नुकसान पहुंचाएगी और वजीर-ए-आजम के दिल में तालिबान के लिए जो प्यार बढ़ रहा है, वह निश्चित रूप से पाकिस्तान के लिए अच्छा संकेत नहीं है.