दिल्ली में एक बार फिर से एक नाबालिक के साथ हुई बर्बरता को लेकर हंगामा बरपा हैं. पर इस बार कोई और नहीं ब्लकि दिल्ली सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने ये घिनोनी हरकत की हैं. राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पर दोस्त की बेटी के साथ रेप करने और उसे गर्भवती करने का आरोप लगा हैं.
हालाकि, मामला सामने आने के बाद अरविंद केजरीवाल ने आरोपी अधिकारी को सस्पेंड करने का आदेश दिया, जिसके बाद मुख्य सचिव ने अधिकारी को निलंबित कर दिया. मामले में आरोपी अधिकारी की पत्नी को भी आरोपी बनाया गया है.
पर इस पुरे मामले को लेकर राजनीति भी जमकर हो रही हैं. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाती मालिवाल पीडिता बच्ची से मिलने की जिद को लेकर पुरी रात धरने पर बैठी रही तो वही सबसे बड़ा सवाल ये हैं कि आरोपी केजरीवाल प्रशासन के पसंदीदा लोगों में से एक था और उसका चयन किया गया था.
बीजेपी भी इस मामले को लेकर हमलावर हैं. बीजेपी की महिला नेता बांसुरी स्वराज ने इस मामले में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत से इस मामले में इस्तीफे की मांग की है. बीजेपी का कहना है कि केजरीवाल सरकार के एक मंत्री की मांग पर बलात्कारी अधिकारी को महिला एवं बाल विकास विभाग में उनका ओएसडी नियुक्त किया गया था.
जब कैलाश गहलोत विभाग का नेतृत्व कर रहे थे तो आरोपी को उनके ओएसडी के रूप में काम करता था. डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोपी दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा.
समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि पत्र में मालीवाल ने मांग की कि उन्हें नाबालिग लड़की या उसके परिवार से मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए. उन्होंने आगे मांग की कि लड़की का इलाज एम्स में कराया जाए या एम्स की एक टीम उसे देखे और दिल्ली पुलिस द्वारा आरोपी सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी में देरी की जांच की जाए.