लाल डायरी में कांग्रेस पार्टी के काले राज हैं. डायरी में 500 करोड़ के काले कारनामें का लेखा जोखा मन जा रहा है. कांग्रेस पार्टी से निकाले गए मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा की लाल डायरी में किसके करप्शन की कुंडली है.
लाल डायरी के राज खुले तो राजस्थान की सरकार का गिरना तय हैं. लाल डायरी में अशोल गहलोत के काले राज छिपे हैं. राजस्थान सरकार से बर्खास्त किए जा चुके मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ‘लाल डायरी’ में विधायकों के खरीद-फरोख्त का लेखा-जोखा होने की बात तक कह चुके हैं.
क्या है लाल डायरी का सच?
जुलाई 2020 में सचिन पायलट 19 विधायकों को लेकर मानेसर चले गए थे. उसके बाद गहलोत सरकार अल्पमत में आ गई थी. ईडी ने जयपुर में गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ के घर पर छापेमारी की थी और इस छापेमारी में कही जांच एंजेसियों को ये डायरी हाथ ना लग जाए उसे धर्मेंद्र राठौड़ के घर से निकलवाने के लिए अशोल गहलोत ने राजेंन्द्र गुढ़ा से मदद मांगी थी.
गुढ़ा के साथ राजस्व मंत्री रामलाल जाट और कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर भी थे. सभी नवीं मंजिल पर राठौड़ के घर में घुसे और ताले तोड़कर लाल डायरी निकाल लाए. इस दौरान सीआरपीएफ से झड़प की भी खबरे सामने आई थी.
राजेन्द्र गुढ़ा ने बताया कि लाल डायरी निकलने के बाद गहलोत ने उसे जलने को कहा. गुढ़ा ने डायरी को जलाया नहीं और अपने पास ही रख लिया. गुढ़ा का दावा है कि डायरी अगर आयकर टीम के हाथ लग जाती तो गहलोत सीएम नहीं रह पाते. साथ ही लाल डायरी में जो 500 करोड़ की डील का ब्योरा हैं वो सीधा राहुल गांधी सोनिया गांधी से जुड़ा हैं.
डायरी ने कर पहुचे विधानसभा
गुढ़ा लाल डायरी का राज खोलने विधानसभा पंहुचे थे. पहले तो उनको विधानसभा में प्रवेश नहीं करने दिया गया. उसके बाद संसद के अंदर लगभग 50 लोगों ने हमला किया, मुक्का मारा, लात मारी और उनसे लाल डायरी छीन ली गई.
उन्होंने कहा कि राजस्थान को बदनाम करने वाले साल 1992 के अजमेर फोटो ब्लैकमेल कांड में कांग्रेस के नेता शामिल थे. अजमेर में पढ़ने वाली करीब दो सौ लड़कियों के अश्लील फोटो खींचकर ब्लैकमेल कर दुष्कर्म किए गए थे.