कोयला ट्रांसपोर्ट घोटाले में ईडी की विशेष अदालत ने बड़ा एक्शन ले लिया है. 11  लोगों के खिलाफ नोटिस जारी किया है इन सभी को 25 अक्टूबर को कोर्ट में पेश होना होगा. उससे पहले अग्रिम जमानत भी लेनी होगी. क्योंकि पेशी से पहले इन लोगों ने जमानत नहीं ली. तो सभी का जेल जाना तय है.

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छत्तीसगढ़ कोयला ट्रांसपोर्ट घोटाले में रायपुर की स्पेशल कोर्ट ने चार्जशीट स्वीकार कर ली है. ED के आरोप पत्र में कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव, रानू साहू समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है. और सभी को कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. सबसे बड़ी बात तो ये है कि 11 आरोपियों में से रानू साहू, निखिल चंद्राकर पहले ही जेल में हैं. इनके अलावा कांग्रेस के विधायक देवेंद्र यादव, चंद्रदेव राय समेत 9 आरोपियों को न्यायधीश अजय सिंह राजपूत ने नोटिस जारी किया है.

जांच में पता चला कि ये लोग कोल परिवहन में प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलते थे. वसूली के जरिए ही इन लोगों ने 540 करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया. इस घोटाले में IAS समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, रानू साहू, खनिज अधिकारी शिव शंकर नाग, संदीप नायक, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी, निखिल चंद्राकार,दीपेश टांक और राजेश चौधरी शामिल थे. जिन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया.

सौम्या चौरसिया की घर जब ईडी पहुंची तो सबसे ज्यादा भूपेष बघेल बौखलाए. उन्हे अपने उपर गाज गिरने का डर सताने सगा. कांग्रेसियों के इस घोटाले से दिल्ली तक आलाकमान हिल गया है. क्योंकि अभी तो 11 लोग फंसे है. आगे ना जाने किस किस तक कोयला ट्रांसपोर्ट घोटाले की जांच पहुंच सकती है. क्योंकि अभीतक ईडी ने सख्ती दिखाते हुए इन लोगों से पूछताछ की.

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सौम्या 2008 बैच की पीसीएस अधिकारी हैं. सौभ्या कई विभागों में महत्वपूर्ण पदों पर रह चुकी है. कांग्रेस के आशीर्वाद से उन्हें अहम अहम पद मिले. कहा जाता है कि सौम्या चौरसिया का दबदबा इतना है कि सीएम ऑफिस में उनकी मर्जी के बिना एक फाइल नहीं हिल सकती. कहा जाता है कि वो आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से लेकर नेताओं तक को आदेश दे देती हैं.

मुख्यमंत्री से करीबी के चलते कोई उनके खिलाफ कुछ बोल भी नहीं सकता. सौम्या बिलासपुर जिले के पेंड्रा और बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और पाटन में एसडीएम भी रह चुकी हैं. छत्तीसगढ़ में पदस्थ सौभ्या चौरसिया की गिनती शासन के करीबी अफसरों में की जाती हैं.

बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था कि छत्तीसगढ़ के कुछ शहरों में इनकम टैक्स रेड में करोड़ों के अवैध लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं. इसके अलावा 9 करोड़ नकदी और आभूषण भी जब्त किए गए हैं. कारोबारियों के पास से अवैध लेन-देन के दस्तावेज और डिजिटल सबूत पाए गए हैं. जिससे यह समझ में आता है के कोरबा में जमीन की खरीद फरोख्त में करोड़ों रुपए के काले धन का उपयोग करके कोल वाशरी बनाई जा रही है.

खुद ईडी ने अपनी चार्जशीट में 5 हजार 500 पन्नों के दस्तावेजों कोर्ट में जमा किए हैं. जो घोटाले की सारी परतें खोल रहे हैं. और खुलासा कर रहे हैं कि कैसे नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों के एक गिरोह ने छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये की अवैध लेवी वसूली जा रही थी.