पीएम मोदी की डिग्री की मांग करने के चक्कर में अरविंद केजरीवाल ने खुद के लिए ही मुसीबत खड़ी करली है. पहले निचली अदालत से फिर गुजरात हाईकोर्ट से और अब गुजरात युनिवर्सिटी मानहानी मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी दिल्ली सीएम को बड़ा झटका लगा है. अरविंद केजरीवाल मोदी डिग्री मानहानि मामले में याचिका पर याचिका डाले जा रहे हैं.

kejriwal

पूरे मामले में गुजरात युनिवर्सिटी की ओर से अरविंदे केजरीवाल और उनके बड़बोले नेता संजय सिंह पर मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में मानहानिका मुकदमा दायक किया गया है. लेकिन मामले में युनिवर्सिटी की ओर से लगाए गए आरोपों पर अरविंद केजरीवाल ने सेशन कोर्ट में रिवीजन पेटिशन दायर की थी. अदालत ने 22 अगस्त को तत्काल सुमवाई से इनकार कर दिया.

सुनवाई के लिए 16 सितंबर की तारीख तैय की गई. वहीं मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में भी गुजरात युनिवर्सिटी मानहानि मामले में केजरीवाल की ओर से समन को चुनौती दी गई है. जिसपर उन्होंने कोर्ट में पेश होने से छूट मांगी थी. मानहानि मामले में मेट्रोपॉलिटन कोर्ट में सुनवाई 31 अगस्त को होनी है. अब जब सेशन कोर्ट की ओर से केजरीवाल की रिवीजन पेटीशन पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया.

हाई कोर्ट इस मामले पर सुनवाई कर अपना निर्णय लेगा. हालांकि, राहत के लिए केजरीवाल कोर्ट में गिड़गिड़ाए. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंहवी ने समन ऑर्डर को गलत बता दिया. उन्होंने कहा जब उन्होंने समन ऑर्डर को सेशन मे चुनौती दी थी इसी बीच निचली अदालत ने 31 अगस्त की तारीख सुनवाई के लिए तय कर दी.

kejriwal sanjay singh

जस्टिस खन्ना ने कहा कि जब आरोपी कोर्ट मे पेश होगा तो अपनी सभी बात अदालत मे रख सकता है. वहीं, गुजरात यूनिवर्सिटी की तरफ से पेश SG तुषार मेहता ने कहा कि समन आदेश को बिल्कुल सही और सिक्वेंस में बताया है. उन्होंने कहा कि समन के बाद केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट में अर्जी दाखिल की. केजरीवाल की तरफ से प्रक्रिया का गलत इस्तेमाल किया गया है.

पीएम मोदी डिग्री विवाद से जुड़े इस मामले में गुजरात यूनिवर्सिटी ने अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह पर विश्वविद्यालय की छवि खराब करने की आरोप लगाते हुए मानहानि का केस किया है. पीएम मोदी की डिग्री को दिखाने को लेकर केंद्रीय सूचना अयोग यानी CIC के ऑर्डर के खिलाफ गुजरात यूनिवर्सिटी ने हाई कोर्ट में अपील की थी.