मिडिल ईस्ट इस समय एक भीषण युद्ध संकट से गुजर रहा है। इज़रायल और ईरान के बीच हालात अब युद्ध में बदल चुके हैं। इज़रायल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ लॉन्च कर दिया है, जिसका जवाब ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस’ के तहत दिया है। इस युद्ध ने पूरे क्षेत्र में भय और तबाही का माहौल बना दिया है। ईरान में हालात बेहद खराब हैं, जहां अब तक कई वैज्ञानिक मारे जा चुके हैं।
इस्राइल ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर ईरान ने उसके नागरिकों को निशाना बनाया, तो वह तेहरान को राख में तब्दील कर देगा। ईरान की ओर से जवाबी कार्रवाई करते हुए 150 से ज्यादा मिसाइलें इज़रायल पर दागी गई हैं। इस हमले के बाद इज़रायल सरकार ने अपने नागरिकों को तुरंत बंकरों में जाने का आदेश दिया है। पूरे देश में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है।
तेहरान पर मंडरा रहा है खतरा, अमेरिका ने भी दी धमकी
सवाल अब यह उठता है कि क्या ईरान अपनी तबाही की कहानी खुद लिख रहा है? ईरान की आक्रामक कार्रवाई और इज़रायल की सख्त चेतावनियों के बीच पूरे विश्व की निगाहें इस संघर्ष पर टिक गई हैं। यह लड़ाई केवल इज़रायल और ईरान तक सीमित नहीं रह सकती, इसका असर पूरे विश्व पर पड़ेगा।
ईरान का परमाणु समझौते से इनकार, ट्रंप ने दिया अल्टीमेटम
इस्राइल के हमले के बाद ईरान ने जहां मिसाइलों से जवाब दिया, वहीं अमेरिका के साथ परमाणु समझौते पर बात करने से भी इनकार कर दिया है। इस रुख को देखते हुए अमेरिका ने भी सख्त प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को सीधी धमकी देते हुए कहा है कि उसके पास अब भी समय है। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने पहले ही ईरान को 60 दिन का अल्टीमेटम दिया था। ट्रंप ने चेतावनी दी कि अगर ईरान अब भी नहीं माना, तो उसका मिट्टी में मिलना तय है।
इस महायुद्ध ने मिडिल ईस्ट को एक बार फिर युद्ध के मुहाने पर खड़ा कर दिया है। आने वाले दिन इस टकराव का क्या नतीजा लाएंगे, यह देखना बाकी है।