मध्य पूर्व में जारी ईरान-इजरायल जंग नौवें दिन और भी भयावह हो गई है। दोनों देशों के बीच तनातनी अब तबाही के मुकाम पर पहुंच चुकी है। इजरायल ने ईरान के अहम न्यूक्लियर सेंटर को इस्फहान में निशाना बनाकर तबाह कर दिया है। इसके साथ ही अब तक ईरान के 12 बड़े सैन्य अधिकारी मारे जा चुके हैं। मरने वालों में एक वरिष्ठ ड्रोन कमांडर भी शामिल है। वहीं इस पूरे मामले पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान भी चर्चा में है। उन्होंने साफ कर दिया है कि वो इजरायल को जंग रोकने की सलाह नहीं देंगे, बल्कि इस संघर्ष में इजरायल को विजेता बताया है।
इस्फहान में तबाही और लेबनान तक फैला जंग का असर
इजरायल की तरफ से की गई हालिया कार्रवाई में ईरान के इस्फहान शहर स्थित एक अत्यंत संवेदनशील परमाणु केंद्र को पूरी तरह निशाना बनाया गया। यह हमला बेहद योजनाबद्ध और सटीक बताया जा रहा है। इसके साथ ही ईरानी सैन्य ढांचे को भी लगातार नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अब तक ईरान के 12 शीर्ष सैन्य अधिकारी मारे जा चुके हैं। इनमें एक प्रमुख ड्रोन कमांडर की मौत ने खासा असर डाला है, जिससे ईरान के ड्रोन ऑपरेशन्स पर गहरा असर पड़ा है। इस टकराव की आंच अब सीमाओं के पार भी महसूस की जा रही है। लेबनान में इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच भी झड़पों की खबरें सामने आई हैं।
अमेरिकी समर्थन और ट्रंप का तीखा बयान
इस जंग पर जहां कई वैश्विक ताकतें संयम की अपील कर रही हैं, वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान इस तनाव को और हवा देने वाला साबित हो सकता है। ट्रंप ने कहा है कि वह इजरायल से यह कहने वाले नहीं हैं कि वह पीछे हट जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि इजरायल इस युद्ध को जीत रहा है और वह उसके साथ हैं। ट्रंप के इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई बहस छेड़ दी है कि क्या यह संघर्ष अब क्षेत्रीय नहीं बल्कि वैश्विक मंच की ओर बढ़ रहा है।
जंग का नौंवा दिन भी कोई राहत नहीं ला सका। अब सवाल ये है कि क्या यह लड़ाई और विकराल होगी या कोई कूटनीतिक हस्तक्षेप इस आग को रोक सकेगा।