भारत के सफल सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने कूटनीतिक और प्रचार के मोर्चे पर प्रतिक्रिया दी, लेकिन उसकी हर कोशिश नाकाम साबित हुई। जहां एक ओर भारत ने सैन्य ताकत का मुंह तोड़ जवाब दिया, वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के दावे सैटेलाइट इमेज और अंतरराष्ट्रीय विश्लेषण में झूठे साबित हुए। इस बीच पाकिस्तान की आर्थिक और राजनीतिक बदहाली भी खुलकर सामने आ गई है।

पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने भारतीय वायुसेना के ठिकानों को निशाना बनाया, लेकिन बाद में सामने आया कि जो तस्वीरें सबूत के तौर पर दिखाई गईं, वे या तो पुरानी थीं या एडिट की गई थीं। ना कोई सुखोई जला, ना S-400 को नुकसान पहुंचा—बल्कि पाकिस्तान ने अपने झूठ से खुद की ही साख खो दी।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की बेबसी

भारत के जवाब से घबराया पाकिस्तान अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने गिड़गिड़ा रहा है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अमेरिका, चीन, तुर्किये, कतर और सऊदी अरब जैसे देशों से मदद की गुहार लगाई है। मगर इन कोशिशों से भी उसे खास राहत नहीं मिली है। चीन ने जरूर J-35A स्टील्थ फाइटर जेट 50% छूट पर देने की पेशकश की है, लेकिन ये डील पाकिस्तान को नई आर्थिक मुश्किलों में डाल सकती है।

भारत की युद्ध तैयारियों में बड़ी बढ़त

भारतीय सेना युद्ध की किसी भी चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है। रक्षा मंत्रालय ने थलसेना, वायुसेना और नौसेना को आपातकालीन हथियार खरीदने की अनुमति दे दी है। इससे अब तीनों सेनाएं बिना किसी नौकरशाही रुकावट के अत्याधुनिक हथियारों और संसाधनों की खरीद कर सकती हैं।

इसी के साथ एक बड़ी खबर यह भी आई है कि ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को पदोन्नति देते हुए भारतीय सेना का उप सेना प्रमुख नियुक्त किया गया है। यह बदलाव भारत की सैन्य रणनीति में नए आत्मविश्वास और तत्परता को दर्शाता है।

इस पूरी स्थिति में जहां भारत चुपचाप अपनी तैयारी और रणनीति पर काम कर रहा है, वहीं पाकिस्तान अपने ही झूठ, प्रचार और कूटनीतिक असफलताओं में उलझकर रह गया है।