तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ’ब्रायन मौजूदा मानसून सत्र के लिए सस्पेंड कर दिए गए हैं. उनके आपत्तिजनक व्यव्हार के लिए सत्र से निलंबन हुआ है.

derek o'brien

मंगलवार को राज्यसभा की शुरुआत मणिपुर हिंसा को लेकर हंगामे से हुई. मणिपुर हिंसा पर चर्चे के लिए विपक्ष ने सभापति जगदीश धनकड़ को अपील की और इस पर पियूष गोयल ने बयान देते हुए कहा की, ‘मै देखूंगा गृह मंत्री कहाँ हैं. और यदि विपक्ष सहमत होता है तो मामले पर दोपहर तक चर्चा शुरू कर सकते हैं’. डेरेक ओ’ब्रायन ने इस पर हस्तक्षेप करते हुए कहा की चर्चा के लिए तैयार है विपक्ष, लेकिन उस तरह नहीं जिस तरह सत्ता पक्ष चाहती है.

ओ’ब्रायन के खिलाफ निलंबन प्रस्ताव

सदन की कार्यवाही में लगातार बाधा डालने के लिए, सभापति की अवज्ञा करने के लिए, पियूष गोयल ने डेरेक ओ’ब्रायन के लिए निलंबन प्रस्ताव पेश किया. सभापति ने उन्हें मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया प्रस्ताव पेश होने के बाद.

राज्यसभा सभापति जगदीश धनकड़ ने डेरेक ओ’ब्रायन के निलंबन पर कहा की डेरेक ओ ब्रायन का व्यव्हार काफी अमर्यादित है जिसके बाद वह ये फैसला लेने के लिए मजबूर थे.

jagdish dhankar

क्या है नियम 267?

मणिपुर मुद्दे पर डेरेक ओ ब्रायन लगातार नियम 267 के तहत चर्चा की मांग कर रहे थे. सभापति और ओ’ब्रायन की बहस दिल्ली सेवा विधेयक के दौरान चर्चा पर भी हो गयी थी.

राज्यसभा की नियम पुस्तिका में नियम 267 परिभाषित किया गया है. इसमें कहा गया है की कोई भी सदस्य दिनभर के सूचीबद्ध अजेंडे को रोकते हुए सार्वजनिक महत्त्व के मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस प्रस्तुत कर सकता है.

सभापति जगदीश धनकड़ ने मणिपुर मामले में नियम 176 के तहत छोटी चर्चा के लिए नोटिस की अनुमति दे दी. पर विपक्ष मणिपुर पर 267 के तहत चर्चा चाहता है.