दिल्ली के अधिकारियों की ट्रासंफर और पोस्टिंग से जुड़े अध्यादेश की जगह लेने वाला विधेयक मोदी सरकार ने लोकसभा में पेश कर दिया हैं. इस बिल को सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में रखा.

amit shah

आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ये बिल अलोकतांत्रिक है. राघव चड्‌ढा ने कहा कि इस बिल के पास हो जाने के बाद दिल्ली में लोकतंत्र रह ही नहीं जायेगा, ये ‘बाबूशाही’ में तब्दील हो जाएगा. जनता द्वारा चुनी हुई सरकार की सारी शक्तियां छीनकर BJP द्वारा बिठाये गए LG को दे दी जाएंगीं.

बिल को लेकर लोकसभा में ही चर्चा हुई, जहाँ बिल को पास कर दिया जायेगा. लोकसभा में बीजेपी के पास बहुमत के साथ जहां उसके 301 सांसद हैं. विपक्ष के पास संख्या नहीं हैं. बीजेपी के सहयोगी दलों के गठबंधन एनडीए की बात करें, तो सांसदों की संख्या 333 है.

विपक्ष के पास सिर्फ 142 सांसद हैं, जिसमें से अकेले 50 सांसद तो कांग्रेस से ही हैं. राज्यसभा में बीजेपी के सांसदों की संख्या 93 है, जबकि सहयोगी दलों के सांसदों की संख्या को जोड़ लिया जाए, तो ये आंकड़ा 105 पर पहुंच जाता है.

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल के केंद्र को समर्थन ने आश्वासन दिया है. जगन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, जिसके राज्यसभा में नौ सदस्य और लोकसभा में 22 सदस्य हैं, पहले ही महत्वपूर्ण विधेयक पर सरकार को अपना समर्थन देने की घोषणा कर चुकी है.