लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तैयारियां तेज है. सभी पार्टी अपनी अपनी जीत की रणनीति बनाने में दमखम से लगी हुई है.
एक तरफ जहां अखिलेश यादव यूपी की 80 सीटों पर जीत का दावा करते हुए बीजेपी को हराने की बात कर रहे हैं, तो वहीं अब अखिलेश के कद्दावर नेता दारा सिंह चौहान ने उनका साथ छोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. हालांकि अब ये भी संकेत मिल रहा है कि अखिलेश के कई और करीबी नेता अखिलेश का साथ छोड़ने वाले है, और बीजेपी का दामन थामने वाले है. यानी की साफ तौर पर अखिलेश यादव की पार्टी. सपा में फूट पड़ती हुई दिखाई दे रही है. अखिलेश यादव के नेता अब उनसे ही बगावत कर रहे है, जिसका अखिलेश के मिशन 80 पर भी काफी असर पड़ेगा.
एक तरफ जहां अखिलेश यादव ये दावा कर रहे थे कि पीडीए (PDA) यानी की पीछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक, इस बार के चुनाव में एनडीए (NDA) को मात दे देगी, लेकिन अब नतीजों को देख कर ऐसा लग रहा है कि अखिलेश यादव खुद चारों काने चित होने वाले है. अपने पिता मुलायम सिंह की राजनीतिक विरासत संभालने और सहेजने में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार फेल होते दिख रहे हैं.