सुप्रीम कोर्ट के कुछ जजों को लगता है की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ फैसला देना अच्छा है. ऐसे कई फैसले सामने आये हैं जिसमे सुप्रीम कोर्ट के जजों ने तानाशाही दिखाई है. ऐसे ही 7 जजों की लिस्ट सामने आई है.

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इन 7 जजों में पहला नाम चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया, चंद्रचूड़ का है. ज्ञानवापी के फैसले पर आम नागरिक भी इनसे सवाल करना चाहता है. बनारस कोर्ट ने फैसला दिया था की ASI की टीम सर्वे करेगी. मुस्लिम पक्ष ने इसमें सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगायी की इससे ज्ञानवापी का स्ट्रक्चर ख़राब हो जायेगा. सोलिसिटर जनरल, तुषार मेहता ने यह बताते हुए अपनी बात भी राखी कि वैज्ञनिक तरीके से सर्वे होगा और किसी भी तरह कि खुदाई का काम नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट ने 26 जुलाई तक सर्वे पर स्टे लगते हुए दोनों पक्षों को हाई कोर्ट जाने को कहा.

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CJI चंद्रचूड़ ने मणिपुर मामले में चीफ मिनिस्टर बिरेन सिंह और प्रधानमंत्री मोदी के आश्वासन के बाद भी स्वतः संज्ञान लिया. उन्होंने कहा की अगर किसी विरोधी दल के लोगों को असहमति वाले लोगों को देश द्रोही कहा जाता है, देश विरोधी कहा जाता है तोह ये लोकतंत्र पर बड़ा खतरा है.

उन्होंने ने गुजरात के एक कार्यक्रम में प्रेस के आज़ादी की बात की. ऐसे में जब पूरा विपक्ष एक साथ खड़ा है और CJI जैसे व्यक्ति से ऐसे बातें विपक्ष के हाथ में एक हथियार जैसे है.