बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले वोटर लिस्ट के मुद्दे पर सियासी घमासान गहराता जा रहा है। मंगलवार को पटना में विपक्षी महागठबंधन ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और RJD नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में हजारों कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। विपक्ष का कहना है कि करोड़ों मतदाताओं के नाम बिना किसी ठोस कारण के वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं।

इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस, RJD और अन्य घटक दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने पटना में सभा को संबोधित करते हुए कहा, “बिहार में करोड़ों वोटरों के नाम काटने की कोशिश हो रही है। यह लोकतंत्र पर हमला है और हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।” उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकारें विपक्षी वोट बैंक को कमजोर करने के लिए निर्वाचन आयोग का दुरुपयोग कर रही हैं।

वहीं, RJD नेता तेजस्वी यादव ने भी सरकार और निर्वाचन आयोग पर निशाना साधा। तेजस्वी ने कहा, “मोदी-नीतीश की दादागिरी अब नहीं चलेगी। जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए हम सड़कों पर उतर आए हैं और जरूरत पड़ी तो संघर्ष तेज करेंगे।” उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करके सत्ता पक्ष लोकतंत्र को कमजोर करना चाहता है।

प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नए वोटरों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया में भेदभाव हो रहा है और पहले से मौजूद वैध मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं। विपक्ष ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ करार दिया। चक्का जाम के चलते पटना के कई हिस्सों में यातायात बुरी तरह प्रभावित रहा। सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। हालांकि कहीं से किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।

चुनाव आयोग की ओर से फिलहाल इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। हालांकि आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वोटर लिस्ट का अद्यतन एक नियमित और निष्पक्ष प्रक्रिया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुद्दा आने वाले चुनावों में बड़ा राजनीतिक सवाल बन सकता है। विपक्ष इसे जनता से जोड़ने की कोशिश में जुटा है जबकि सत्ता पक्ष इससे इनकार कर रहा है। फिलहाल बिहार की राजनीति में यह विवाद गरमाया हुआ है और इसके असर के दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।