दिल्ली मेट्रो के एयरपोर्ट लाइन का विस्तार किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जन्मदिन के मौके पर द्वारका सेक्टर-25 में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर का उद्घाटन किया. पीएम मोदी ने इसको एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन से जोड़ने के लिए नए मेट्रो स्टेशन का भी उद्घाटन किया.

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लेकिन इस उद्घाटन कार्यक्रम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्योता नहीं दिया गया. जो बात आम आदमी पार्टी को रास नहीं आई. पीएम मोदी के खिलाप अनाप शनाप बयानबाजी शुरू कर दी है. सबसे पहले मीडिया के आगे केजरीवाल की चहेते सौरभ भारद्वाज, आतिशी गड़याली आंसू बहाते नजर आए. शब्दों की मर्यादा भूलते हुए केजरीवाल के मंत्री सौरभ भारद्वाज तो पीएम मोदी को वसुधैव कुटुम्बकम की याद दिलाने लग गए.

दिल्ली के उपराज्यपाल को भी इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया. इसी वजह से केजरीवाल को बेइज्जती मेहसूस हुई. क्योंकि केजरीवाल इस घमंड में घूमते है कि वो दिल्ली के मुखिया हैं तो केंद्र सरकार के भी हर काम में उनको बुलाया जाए. लेकिन केजरीवाल भूल जाते हैं कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है. दिल्ली के कई विभाग केंद्र सरकार के अधीन आते हैं. अब हर कार्यक्रम में केजरीवाल को  बुलाया जाए. ऐसा मुमकिन नहीं है.

केजरीवाल के चहेते मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बौखलाते हुए कहा कि मात्र एक हफ्ते पुरानी बात है कि दुनिया भर के देशों के प्रमुखों के सामने पीएम मोदी वसुधैव कुटुम्बकम कह रहे थे. पूरा विश्व एक परिवार है, सबका साथ सबका विकास और सबका प्रयास की बात वो कर रहे थे. आप अपने देश में तीन बार चुने गये एक मुख्यमंत्री को मेट्रो के उद्घाटन में नहीं बुलाते हैं.

atishi saurabh bhardwaj

आप नेता संजय सिंह ने भी ट्विटर पर बवाल किया औऱ कहा कि मोदी जी आपने राजनीति की न्यूनतम मर्यादा भी समाप्त कर दी है जिस दिल्ली मेट्रो में 50% पैसा दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने लगाया है उसके उद्घाटन समारोह में दिल्ली के CM को आमंत्रित न करना आपकी दुर्भावना भरी सोच को उजागर करता है. अरविंद केजरीवाल से इतनी नफ़रत करके क्या हासिल कर लोगे मोदी जी?

आतिशी मर्लेना ने इस मुद्दे पर वार करते हुए कहा हमें इस बात का दुख है कि दिल्ली मेट्रो के नये स्टेशन के उद्घाटन के मौके पर अरविंद केजरीवाल को बुलाने के बारे में सोचा तक नहीं गया जबकि दिल्ली मेट्रो केंद्र और दिल्ली सरकार का एक संयुक्त वेंचर है. जिस दिन से डीएमआरसी बना है उसी दिन से उसमें आधा पैसा केंद्र और आधा पैसा दिल्ली सरकार का लगता है. केंद्र और दिल्ली सरकार के समन्वय से ही दिल्ली मेट्रो जैसा शानदार इन्फ्रास्ट्रक्चर दिल्ली में खड़ा हुआ है.