1947 में भारत और पाकिस्तान के बंटवारे पर RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के हालिया बयान ने देश में एक नई बहस छेड़ दी है। विभाजन पर आधारित इस विशेष श्रृंखला में, प्रखर श्रीवास्तव इस विभाजन के लिए जिम्मेदार ऐतिहासिक घटनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह श्रंखला इतिहास पर एक नई रुचि प्रदान करेगी, जिसे वामपंथी इतिहासकारों ने आम जनता से छिपा रखा है। क्या आप जानते हैं कि अगर गांधी सच में चाहते तो देश को बंटवारे से बचा लिया जाता? जानिए कैसे गांधी ने माउंटबेटन से कहा कि देश की सत्ता मुस्लिम लीग और जिन्ना को दे दी जाए, लेकिन बंटवारा नहीं होना चाहिए? लेकिन क्या कारण था कि उन्होंने राजनीतिक बयानबाजी के अलावा विभाजन को रोकने के लिए और कोई कठोर कदम नहीं उठाया। जानिए कांग्रेस के बड़े नेताओं की सोच और 1947 की पूरी घटना। यह और भी बहुत कुछ आज के एपिसोड “खड़ी बात प्रखर के साथ” में।
गांधी की “जुमलेबाजी” (विभाजन की कहानी – भाग 1)
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