उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती अब एक नई दिशा ले रही है। दंगाइयों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ अब खुद जनता को आगे लाने की रणनीति अपनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई व्यक्ति सरकारी या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाता दिखे तो उसका वीडियो बनाकर वायरल करें। इसके बाद सरकार ऐसे तत्वों के पोस्टर सार्वजनिक स्थलों पर लगाएगी और उनसे नुकसान की भरपाई करेगी। यह संदेश साफ है—अब कानून हाथ में लेने वालों की खैर नहीं है।
दंगाइयों पर सीधा वार, जनता बनी निगरानी तंत्र
मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट कर दिया है कि सार्वजनिक संसाधनों की रक्षा सिर्फ सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, और वीडियो साक्ष्यों के आधार पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि पोस्टर लगाकर और नुकसान की भरपाई करवाकर ऐसे लोगों को सामाजिक रूप से भी बेनकाब किया जाएगा।
मथुरा पहुंचे संघ प्रमुख, बढ़ा सियासी संकेत
इसी बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत का मथुरा दौरा राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। तीन दिन के इस दौरे में भागवत गऊ ग्राम परखम स्थित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण शिविर में शामिल हुए, जिसमें कुल 251 स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं। संघ की यह सक्रियता बताती है कि अयोध्या के बाद अब मथुरा और काशी पर भी वैचारिक और सामाजिक तैयारी शुरू हो चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में सत्ता संभालते ही यह संकेत दे दिया था कि यूपी को अपराध मुक्त बनाना उनकी प्राथमिकता होगी। खासतौर से उन इलाकों में जहां पहले कट्टरपंथी सोच का प्रभाव अधिक था, वहां पुलिस को पूरी आज़ादी दी गई है और नियमों का सख्ती से पालन हो रहा है। इन कदमों से प्रदेश का अपराध ग्राफ लगातार गिरा है और अब सरकार इसे एक जन आंदोलन की तरह आगे बढ़ा रही है।