अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा नॉर्वे के वित्त मंत्री को फोन पर नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर की गई कथित बातचीत और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की परमाणु चेतावनी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चिंता बढ़ा दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप ने नॉर्वे पर टैरिफ लगाने की धमकी तक दी, जबकि मुनीर ने अमेरिकी अधिकारियों की मौजूदगी में नई दिल्ली को निशाना बनाने का संकेत दिया। इन घटनाओं ने वैश्विक सुरक्षा और कूटनीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जनरल मुनीर का परमाणु बयान

नॉर्वेजियन प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका यात्रा के दौरान जनरल आसिम मुनीर ने वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारियों की मौजूदगी में कहा कि पाकिस्तान “एक परमाणु संपन्न राष्ट्र” है। उन्होंने कथित तौर पर चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान अस्तित्व के संकट में फंसा तो वह “नई दिल्ली से उत्पन्न खतरे की स्थिति में आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएगा।” विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान भारत-पाक संबंधों में तनाव को और बढ़ा सकता है। ट्रंप प्रशासन द्वारा इस पर कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया न देना भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताजनक माना जा रहा है।

नोबेल शांति पुरस्कार को लेकर ट्रंप का दबाव

इसी बीच नॉर्वेजियन मीडिया ने दावा किया कि डोनाल्ड ट्रंप ने नॉर्वे के वित्त मंत्री जेन्स स्टोल्टेनबर्ग को फोन कर नोबेल शांति पुरस्कार के नामांकन पर सवाल उठाए। रिपोर्ट के अनुसार, स्टोल्टेनबर्ग उस समय ओस्लो में सड़क पर टहल रहे थे, जब ट्रंप का फोन आया। बातचीत के दौरान ट्रंप ने न केवल नोबेल की चर्चा की बल्कि टैरिफ पर भी चेतावनी दी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने स्टोल्टेनबर्ग के सामने नोबेल का मुद्दा उठाया। रॉयटर्स से बातचीत में स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, “मैं बातचीत की विषय-वस्तु पर विस्तार से नहीं बताऊँगा,” हालांकि उन्होंने पुष्टि की कि वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर सहित व्हाइट हाउस के अधिकारी इस कॉल में शामिल थे।

नोबेल समिति की प्रक्रिया

हर साल नॉर्वेजियन नोबेल समिति सैकड़ों नामांकनों की समीक्षा करती है। पाँच सदस्यीय समिति का गठन नॉर्वे की संसद द्वारा अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के अनुसार किया जाता है। पुरस्कारों की घोषणा अक्टूबर में होती है। ट्रंप पहले भी कई बार शिकायत कर चुके हैं कि उन्हें यह सम्मान नहीं मिला, जबकि उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा सहित चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों को यह पुरस्कार प्रदान किया जा चुका है।

ट्रंप का नोबेल पुरस्कार को लेकर दबाव और आसिम मुनीर की परमाणु चेतावनी न केवल अमेरिका की विश्वसनीयता बल्कि वैश्विक शांति व्यवस्था के लिए भी चुनौती बन गई है। अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजर अक्टूबर में होने वाली नोबेल शांति पुरस्कार घोषणा और अमेरिका की संभावित प्रतिक्रिया पर टिकी रहेगी।