उत्तर प्रदेश में इस बार बकरीद कुछ कड़े नियमों के साए में मनाई जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि त्योहार सभी मनाएं, लेकिन कानून का उल्लंघन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। खासतौर पर गोकशी, अवैध कटान और प्रतिबंधित गतिविधियों पर सरकार की नजर कड़ी हो गई है। प्रशासन को अलर्ट मोड में रखा गया है और संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई है ताकि त्योहार के बहाने कोई कानून से न खेल सके।

बीते दिनों हापुड़ जिले में रेबन फूड नाम की मीट फैक्ट्री पर डीएम और एसपी ने एक अहम छापेमारी की। इस फैक्ट्री पर लंबे समय से प्रतिबंधित पशुओं के अवैध कटान की आशंका जताई जा रही थी। जांच के दौरान अधिकारियों को ऐसे कई सबूत मिले, जिनसे साफ हुआ कि फैक्ट्री में नियमों की अनदेखी हो रही थी। यह कार्रवाई अचानक नहीं थी, बल्कि राज्य स्तर पर बनाई गई सख्त निगरानी नीति का हिस्सा थी। ऐसी ही कार्रवाई आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी हो सकती है।

कानून के भीतर रहकर ही मनाना होगा त्योहार

योगी सरकार का रुख साफ है—त्योहार का सम्मान ज़रूरी है, लेकिन कानून सर्वोपरि है। बकरीद पर कुर्बानी देने की धार्मिक परंपरा को लेकर सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि जो भी काम कानून के दायरे से बाहर होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। गोकशी पर प्रतिबंध पहले से है और इसकी अवहेलना अब सीधे कानूनी कार्यवाही की वजह बनेगी। सरकार का यह कदम धार्मिक भावनाओं के खिलाफ नहीं, बल्कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखने की दिशा में है।

प्रशासन सतर्क, हर गतिविधि पर नजर

बकरीद को लेकर पूरे प्रदेश में पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीमें एक साथ काम कर रही हैं। जिन इलाकों में कानून व्यवस्था को लेकर खतरे की आशंका है, वहां विशेष सतर्कता बरती जा रही है। कसाईखानों, मंडियों और गली-मोहल्लों तक में निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि हर गतिविधि कानून के तहत हो और कोई व्यक्ति ग़ैरकानूनी तरीके से त्योहार का फायदा न उठा सके।
मुख्यमंत्री का यह स्पष्ट संदेश है कि प्रदेश अब कानून की राह पर चलेगा, धार्मिक अवसरों की आड़ में अव्यवस्था फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।