संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के अवसर पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर न्यूयॉर्क पहुंचे, जहां उन्होंने अमेरिकी सीनेटर मार्को रुबियो से मुलाकात की। यह बैठक खासतौर पर महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू करने के बाद दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने मुलाकात थी। अमेरिकी पक्ष ने इस मौके पर भारत को एक “महत्वपूर्ण साझेदार” करार दिया।
जयशंकर की यह यात्रा संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में हिस्सा लेने के लिए आयोजित की गई है। सत्र में वैश्विक राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा मामलों पर चर्चा होने की उम्मीद है। न्यूयॉर्क में आयोजित इस बैठक में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों, व्यापार, निवेश और वैश्विक सुरक्षा के मुद्दों पर बातचीत की।
सूत्रों के अनुसार, अमेरिका ने भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने वैश्विक आर्थिक स्थिरता और क्षेत्रीय सुरक्षा सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया। यह बैठक विशेष रूप से व्यापारिक तनाव और हाल ही में लागू 50 प्रतिशत टैरिफ के प्रभावों के परिप्रेक्ष्य में अहम मानी जा रही है।
इसके अलावा, एस जयशंकर ने यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों से भी मुलाकात की। इन बैठकों का उद्देश्य भारत के वैश्विक कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करना और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सहयोग बढ़ाना है। सूत्रों ने बताया कि यूरोपीय मंत्रियों के साथ हुई चर्चा में क्षेत्रीय सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और निवेश के अवसर शामिल थे।
विशेषज्ञों का मानना है कि जयशंकर की यह यात्रा भारत-यूएस व्यापार और कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा देने में मददगार साबित हो सकती है। दोनों पक्षों ने खुले संवाद और साझेदारी को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
इस बैठक के बाद उम्मीद है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक विवादों को सुलझाने के प्रयास तेज होंगे और द्विपक्षीय सहयोग के नए आयाम स्थापित होंगे। आगामी दिनों में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अन्य सत्रों में भी जयशंकर की भागीदारी से भारत की वैश्विक कूटनीति को मजबूती मिलने की संभावना है।