कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दक्षिण अमेरिका के दौरे के दौरान कोलंबिया की EIA यूनिवर्सिटी में आयोजित “द फ्यूचर इज़ टुडे” कॉन्फ्रेंस में भारत के लोकतंत्र को लेकर चिंताजनक बयान दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था पर हमला हो रहा है और देश की विविधता खतरे में है। राहुल गांधी ने भाजपा और RSS की विचारधारा पर भी निशाना साधा और इसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाने वाला बताया।
कोलंबिया में राहुल गांधी का बयान
कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिसमें कई धर्म, भाषाएं और परंपराएं हैं, लेकिन मौजूदा सरकार की नीतियों से लोकतंत्र पर चौतरफा दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने भाजपा और RSS की विचारधारा को “कायरता पर आधारित” बताते हुए कहा कि यह कमजोरों को निशाना बनाती है और देश की विविधता को समाप्त करने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा, उन्होंने चीन के उदाहरण का हवाला देते हुए कहा कि भारत लोगों को दबाकर नहीं चला सकता।
राहुल गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत वैश्विक मंच पर आर्थिक और राजनीतिक रूप से मजबूत होता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति और नेतृत्व को कई देशों ने सराहा है। राहुल गांधी अक्सर विदेश यात्रा के दौरान भारतीय लोकतंत्र और सरकार पर आलोचना करते रहे हैं, जिससे राजनीतिक विवाद पैदा होता रहा है।
राहुल गांधी के इस बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। भाजपा ने इसे “देश विरोधी और असंवेदनशील” बताया। वहीं, कांग्रेस समर्थक इसे लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक आलोचना के रूप में देख रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशों में दिए गए ऐसे बयान अक्सर घरेलू राजनीति में असर डालते हैं और विपक्षी नेताओं के इरादों पर बहस को तेज कर सकते हैं।
राहुल गांधी के कोलंबिया बयान ने भारत में राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। आगामी समय में उनके विदेश दौरों और सार्वजनिक बयानों का राष्ट्रीय राजनीति पर असर देखने को मिल सकता है। इस दौरान मीडिया और जनता की नजरें इस पर टिकेंगी कि विपक्षी नेता किस तरह से भारतीय लोकतंत्र और सरकार पर अपने विचार व्यक्त करते हैं।